Home World इस देश में शादी से दूर भाग रहीं लड़कियां, जनसंख्या 126 साल के निचले स्तर पर पहुंची, बन जाएगा बुजुर्गों का मुल्क

इस देश में शादी से दूर भाग रहीं लड़कियां, जनसंख्या 126 साल के निचले स्तर पर पहुंची, बन जाएगा बुजुर्गों का मुल्क

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Japan Population Decline: जापान में 2024 में जन्म दर 6.86 लाख रही, जो 1899 से सबसे कम है. प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इसे ‘मौन आपातकाल’ कहा. शादी से दूरी, नौकरी की अनिश्चितता और लैंगिक भेदभाव मुख्य कारण हैं.

हाइलाइट्स

  • जापान में जन्म दर 1899 के बाद सबसे कम स्तर पर पहुंची
  • महिलाएं शादी से दूर, नौकरी की अनिश्चितता और लैंगिक भेदभाव मुख्य कारण
  • जापान की जनसंख्या 2070 तक 87 मिलियन हो सकती है, 40% से अधिक बुजुर्ग होंगे

टोक्यो: जापान में बच्चों की किलकारी अब दुर्लभ होती जा रही है. 2024 में देश में पैदा हुए नवजात शिशुओं की संख्या महज 6.86 लाख रही — जो 1899 से अब तक का सबसे निचला स्तर है. ये आंकड़े जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी किए. जन्म दर में 5.7% की गिरावट आई है और लगातार 16वें साल इसमें गिरावट दर्ज हुई है. यह गिरती जन्म दर जापान जैसे विकसित देश के लिए किसी ‘मौन आपातकाल’ (Silent Emergency) से कम नहीं, जैसा कि प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने खुद कहा है.

वे अब ग्रामीण इलाकों में खासतौर से महिलाओं को काम और परिवार के बीच बेहतर संतुलन देने के लिए लचीली कार्यनीति लाने की बात कर रहे हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में जापान में 27 लाख बच्चे पैदा हुए थे. आज उससे एक चौथाई भी नहीं. सरकार की चिंता जायज़ है — क्योंकि जैसे-जैसे देश बूढ़ा होता जा रहा है, उसकी आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ना तय है.

महिलाएं शादी से पीछे हट रहीं

विशेषज्ञ मानते हैं कि जापान की नीतियां आज भी मुख्यतः शादीशुदा जोड़ों पर केंद्रित हैं, जबकि असली समस्या उन युवाओं में है जो शादी ही नहीं करना चाहते. इसकी वजहें हैं — नौकरी की अनिश्चितता, महंगाई, और लैंगिक भेदभाव वाला कॉर्पोरेट माहौल, जहां कामकाजी महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है. कई जापानी महिलाएं यह भी कहती हैं कि शादी के लिए पति का सरनेम अपनाने का कानूनी दबाव उनके फैसले को और मुश्किल बना देता है. जापान में कानून के तहत विवाह के लिए पति-पत्नी को एक ही उपनाम रखना होता है.

गिरती जनसंख्या, बढ़ती उम्र

2024 में जापान का फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) गिरकर 1.15 पर पहुंच गया. यानी औसतन एक महिला अपने जीवनकाल में सिर्फ 1.15 बच्चों को जन्म दे रही है. यह आंकड़ा देश की आबादी में गिरावट का स्पष्ट संकेत है. 124 मिलियन की मौजूदा जनसंख्या 2070 तक 87 मिलियन हो सकती है, जिनमें से 40% से अधिक लोग 65 वर्ष से ऊपर होंगे.

एशिया में संकट की लहर

सिर्फ जापान ही नहीं, दक्षिण कोरिया, चीन और अब वियतनाम जैसे देशों में भी जन्म दर गिर रही है. वियतनाम ने तो इस हफ्ते दो बच्चों की सीमा तय करने वाला दशकों पुराना कानून भी हटा दिया है, ताकि गिरती जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके.

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Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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