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हाइलाइट्स
पिछले साल 11 लोगों को दी गई थी मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में फांसी
दुनिया के कई देशों में इस कानून का किया जा रहा है कड़ा विरोध
अधिकार कार्यकर्ता इस कानून पर रोक लगाने का कर रहे लंबे समय से प्रयास
सिंगापुर: मादक पदार्थ की तस्करी की रोकथाम को लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों में कई कड़े कानून बने हुए हैं. हाल में सिंगापुर (Singapore) का एक मामला सामने आया है. जहां एक शख्स को सिर्फ इसलिए मौत की सजा (Death Sentences) सुनाई गई कि उसने गांजा तस्करी की साजिश रची थी. गांजा तस्करी (Ganja Smuggling) की साजिश रचने के आरोपी शख्स को अगले सप्ताह फांसी पर लटकाया जाएगा. अधिकार समूहों का कहना है कि छह माह के भीतर शहर में यह पहला फांसी का मामला है.
एएफपी की प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मादक पदार्थ गांजा तस्करी के आरोप में सिंगापुर के तंगराजू सुपैया (46) को बुधवार को फांसी पर लटकाया जाएगा. फांसी चढ़ाए जाने वाले शख्स के परिवार को जेल विभाग की ओर से एक नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस को अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शुक्रवार को इस फैसले की कड़ी निंदा की है और इसको “बेहद क्रूर” बताया है.
एमनेस्टी के क्षेत्रीय कार्यालय के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि अगर ऐसा किया जाता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के कार्यान्वयन का उल्लंघन होगा और सिंगापुर द्वारा मृत्युदंड के उपयोग का कड़ा विरोध होगा.
गांजा तस्करी की साजिश के आरोप में मृत्युदंड की सजा का विरोध कर रहे एमनेस्टी कार्यालय का कहना है कि दुनिया के कई हिस्सों जिसमें सिंगापुर का पड़ोसी मुल्क थाईलैंड भी है, वहां पर कैनबिस यानी गांजा को डिक्रिमिनलाइज़ किया गया है. लेकिन अधिकारियों ने जेल की सजा को छोड़ दिया है. वहीं अधिकार समूह इस तरह के अपराध पर सिंगापुर में मृत्युदंड की सजा जैसे कानून को खत्म कराने के लिए दबाव बना रहे हैं.
एशियाई वित्तीय केंद्र में दुनिया के कुछ सबसे सख्त नशीले पदार्थ विरोधी कानून हैं. उनका कहना है कि मौत की सजा तस्करी को रोकने के खिलाफ प्रभावी बना हुआ है.
तंगराजू को 2017 में इसका दोषी ठहराया गया था. उस पर 1,017.9 ग्राम (35.9 औंस) जोकि न्यूनतम मात्रा का दोगुना होता है, के मामले में मौत की सजा के लिए बड़ा आधार है. उसको 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी और कोर्ट ऑफ अपील ने फैसले को बरकरार रखा था. अभियोजकों ने कहा कि उनके पास संपर्क के रूप में उपयोग किए जाने वाले दो मोबाइल फोन नंबर हैं. अधिकार कार्यकर्ता कर्स्टन हान ने एएफपी को बताया कि विशेष रूप से परेशान करने वाली बात यह है कि तंगराजू ने वास्तव में कभी भी ड्रग्स का इस्तेमाल नहीं किया.
पुलिस ने उससे कानूनी सलाह के बिना भी पूछताछ की, और तमिल अनुवादक देने से भी इनकार कर दिया गया था. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हू शाऊ पेंग ने कहा था कि जो कोई भी कानून के तहत किसी अपराध को अंजाम देने के लिए उकसाता है, वह भी उस अपराध का दोषी होगा और उसी सजा का भागीदार होगा.
हू ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप एक उचित संदेह से परे साबित हो गया था. सिंगापुर ने दो साल से अधिक के अंतराल के बाद मार्च 2022 में फांसी की सजा फिर से शुरू की. पिछले साल नशीली दवाओं के अपराधों के लिए 11 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. जिन लोगों को फांसी दी गई उनमें नागेंथ्रन के. धर्मलिंगम भी थे जिसको मानसिक रूप से अक्षम माना गया था. इसको लेकर दुनियाभर में बवाल हुआ था. उसकी फांसी पर संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन सहित अन्य जगहों पर आक्रोश फैल गया था. सिंगापुर के इस मृत्युदंड कानून को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के साथ भी तर्कसंगत नहीं माना गया है जोकि केवल बहुत ही गंभीर अपराधों के लिए दिया जाता है.
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Tags: Crime News, Death sentence, Drugs Peddler, World news in hindi
FIRST PUBLISHED : April 21, 2023, 15:34 IST
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