पुनीत माथुर मुर्रा/जोधपुर. राजस्थान के उदयपुर की कृषि मंडी परिसर में आयोजित संभाग स्तरीय किसान महोत्सव में ‘राजा’ नाम के मुर्रा नस्ल का भैंसा बतौर ‘विक्की डोनर’ सुर्खियों में रहा था. इसका कारण राजस्थान और हरियाणा में उसके 11 हजार बच्चे का होना था, लेकिन अब यदि न्यूज़ 18 लोकल आपसे कहे कि ‘राजा’ को ना केवल टक्कर देने, बल्कि कल्पना से भी दूर एक ऐसा भैंसा है जो अभी तक तीन लाख बच्चों का बॉयलोजिक पिता है तो शायद आप विश्वास ना करें. मगर यह सौ फीसदी सच है.
जोधपुर का ‘भीम’ मुर्रा नस्ल का भैंसा है. जिसकावजन 1500 किलोग्राम है और यह करीब साढ़े14 फुट लंबा और 6 फुट ऊंचा है.यह दुनिया का एक मात्र मुर्रा प्रजाति का भैंसा है.अब तक इसके सीमन से 3 लाख भैंस के बच्चे पैदा हो चुके हैं.पूरे भारत सहित नेपाल और बांगलादेश में भी इसके सीमन को भिजवाया गया है. इससे जन्मी भैंस के ढाई से तीन साल कीबच्चियों ने 19 से 20 लिटर दूध दिया है. जो पशुपालकों के लिए एक बड़ी आय का जरिया है.
यह मुर्रा नस्ल काभैसा पूरे विश्व में एक हीहै. इसके सिमन को भी डिमांड देश विदेश में है. उल्लेखनीयहै किएक देशी पशुधन है जो पूर्ण रूप से देशी है. इसमें कोई मिक्स ब्रीड नहीं है.इसके सीमन को डॉक्टरों की देख रेख़ में निकाल कर माइनस 200 डिग्री टेंप्रेचर पर प्रीजर्व किया जाता हैऔर इंजइक्सपोर्ट किया जाता है.इस से पैदा होने वाले मादा भैंसा के दूध का रिकॉर्ड करीब 27 लीटर प्रतिदिन है. 1 साल तक के बच्चों की कीमत 1 से डेढ़ लाख तक है.
मुर्रा नस्ल के ‘भीम’ने भारत में करीब 20 तरह कीचैंपियनशिप जीत कर दुनियाके नंबर वन भैंसे का खिताब जीता है.इसकी 30करोड़ रुपए की बोली लग चुकी है.लेकिन यह विक्रय के लिए उपलब्ध नहीं है.इसके महीने का पालन पोषण का खर्च करीब सवा लाख रुपए तक आता है.डॉक्टर और डाइटीशियन की देख रेख में इसे खाना दिया जाता है.इसको पहले ऐसी हॉल में रखा गया. फिर डॉक्टर की सलाह पर ऑपन एयर कुलिंग सिस्टम में रखा गया.ऑपन एरिया में इसके लिए दो बड़ कुलर लगाए गए है. इसके लिए गर्मियों में नहाने के लिए तालाब बनाया गया है जिसमें यह दिनभर पानी में रहता है. इसको सुबह 5 बजे उठाकर 2 घंटे मिट्टी में घुमाया जाता है. जिसके बादइसको फीड दिया जाता है, फिर इसेनहलाने के बाद चार लोगों के द्वारा इसकी सरसों के तेले से मालिश की जाती है. दिनभर आराम करने के बाद शाम को इसको फीड करवाने के बाद फिर इसकी वॉककरवाई जाती है. इसकी देखरेख वर्ल्ड चैंपियन की तरह की जाती है.इसको दिन में करीब 1 किलो घी और अधा किलो मखन के साथ- 15 से 20 लीटर दूध, सर्दियों में करीब 20 अंडे, ड्राईफ्रुटस दिए जाते है. गर्मियों में वंसलोचन, बांस का मुरब्बा जैसी खास चीजे खाने को दी जाती है.
इस मुर्रा नस्ल के ‘भीम’के मालिक अरविंद जांगीड़ का कहना है कि किसानों को इस भैंसे बुल का सीमन का फायदा ले सकते है. इसके सीमन से होने वाली भैंसे के दूध में वृद्धि होती है. इससे नस्ल में सुधार होता है. किसानों में आर्थिक लाभ होता है. अमूमन बाजार में सीमन की कीमत जहां 1500 रुपये से 2500 रुपये तक रहती है. उस दौर में अरविंद जांगीड़ अपनी लागत मूल्य से भी कम 500 रुपये में दे रहे है.मुर्रा नस्ल के भील बुल का सीमन कोई पशुपालकखरीदना चाहे तो अरविंद जांगीड़से उनके मोबाइल नम्बर 918946870270, 919829165995पर संपर्क कर सकतेहै.
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FIRST PUBLISHED : July 01, 2023, 14:36 IST