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हाइलाइट्स
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना बेहद शुभ माना जाता है.
इसकी परिक्रमा से अनेक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है.
Peepal ke Ped ki Parikrama : ऐसे बहुत से पेड़ पौधे हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है और इनकी पूजा की जाती है. ऐसा ही एक पेड़ है पीपल का. हिंदू धर्म में मान्यता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करके उसकी परिक्रमा लगाने का विधान है. परिक्रमा का अर्थ है किसी के चारों ओर बाएं तरफ से घूमना. इसको “प्रदक्षिणा करना” भी कहते हैं. जो “षोडशोपचार पूजा” का एक अंग होता. हिंदू धर्म में मंदिर, तीर्थ, देवी-देवताओं, नदी, वृक्ष आदि की परिक्रमा लगाने का अलग-अलग महत्व बताया गया है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेन्द्र कुमार शर्मा बता रहे हैं, पीपल की परिक्रमा लगाने से क्या लाभ प्राप्त होते हैं.
पीपल के पेड़ की परिक्रमा के लाभ अच्छे स्वास्थ्य के लिए
वैज्ञानिक इस बात को प्रमाण कर चुके हैं कि पीपल के पेड़ से भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है. इस लिहाज से ये पेड़ मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है. हिंदू धार्मिक पुराणों में भी इस बात का उल्लेख है कि पीपल का पेड़ आम पेड़ों से बहुत अलग होता है. हिंदू मान्यताएं हैं कि पीपल के पेड़ में सभी प्रकार के देवी देवता निवास करते हैं. यदि घर में किसी सदस्य का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, तो उसे पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए. इस दौरान उसे “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जप करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है.
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मानसिक शांति के लिए
मान्यता है कि पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है. हिंदू धर्म के 7 ऋषियों में से एक महर्षि शौनक ने भी पीपल के पेड़ की परिक्रमा को बहुत महत्वपूर्ण बताया है. प्रातकाल मंगल मुहूर्त में पीपल की पेड़ की तीन या सात बार परिक्रमा की जाए, तो इससे मन शांत रहता है और बुरे विचार नहीं आते. ऐसा भी माना जाता है कि अगर पीपल के पेड़ की प्रतिदिन परिक्रमा करते हैं तो आर्थिक संकट टल जाता है.
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शनि का प्रकोप कम करने के लिए
हिंदू धर्म के देवी-देवताओं में से एक शनिदेव यदि किसी पर प्रसन्न हो जाए, तो उसके भाग्य के दरवाजे खुल जाते हैं, और यदि शनिदेव किसी से रुष्ट हो जाए, तो ऐसे व्यक्ति के बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है. तो शनि दोष की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए हर शनिवार और अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए. इसके साथ ही सरसों के तेल का दिया भी जलना चाहिए. ऐसा करने से शनि का प्रकोप धीरे-धीरे खत्म हो जाता है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : July 18, 2023, 02:25 IST
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