Home National इस विधेयक के जरिए लक्ष्मी ने लिया संवैधानिक रूप, महिला आरक्षण बिल पर संसद में बोलीं स्मृति ईरानी

इस विधेयक के जरिए लक्ष्मी ने लिया संवैधानिक रूप, महिला आरक्षण बिल पर संसद में बोलीं स्मृति ईरानी

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लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ (महिला आरक्षण बिल) पर चर्चा में भाग लेते हुए बताया कि इस बिल के जरिए से लक्ष्मी ने संवैधानिक स्वरूप लिया है। उन्होंने सदन में महिला आरक्षण बिल पेश करने के लिए मोदी सरकार और सदन का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ”जब यह प्रस्ताव सदन में आया तो कुछ लोगों ने कहा कि हमारा बिल है। हमने चिट्ठी लिखी है। यह पूरा का पूरा संवैधानिक निर्माण हमारा था। हमको बार-बार बताया जाता था कि एक विशेष परिवार ने 73वां और 74वां संविधान अमेंडमेंट  पारित करवाया। आज मैं उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पुण्य काम पीवी नरसिम्हा राव जी ने किया, जिनके मरणोपरांत उनके पार्टी के हेडक्वार्टर में नमन करने का मौका नहीं दिया गया।”

उन्होंने आगे कहा कि यह कथन अभी क्यों नहीं और हमारा बिल है, तो अभी करिए। यह बिल की कॉपी है, जिसे कांग्रेस ने राज्यसभा में पारित करवाया और लोकसभा में पेश किया था। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि तीसरे आम चुनाव में SC/ST की महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं होगी…लेकिन इस सरकार द्वारा लाया गया बिल इस बिल के लागू होने के 15 साल बाद तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी देता है। महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने कहा कि हमने महिलाओं को गिनने लायक बना दिया है। और अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करें। 

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखते हुए सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे इसे सर्वसम्मति से पारित करें। ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।  बता दें कि कांग्रेस ने बुधवार को सरकार से मांग की है कि प्रस्तावित नारीशक्ति वंदन अधिनियम को जाति जनगणना कराकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था के साथ जल्द अमल में लाया जाए।

बिल का सोनिया गांधी ने भी किया समर्थन

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने निचले सदन में नारीशक्ति वंदन विधेयक का समर्थन किया और सरकार से आग्रह किया कि जाति आधारित जनगणना कराकर विधेयक में एससी/एसटी के साथ ही ओबीसी की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए, क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। 

‘जो जीता वही सिकंदर होता है’

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आधी आबादी को अधिकार देने का विधेयक लाने का श्रेय केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को जाता है। चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल इतने वर्षों तक यह विधेयक लेकर नहीं आए और प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा ने इसे लाने का नैतिक साहस दिखाया। दुबे ने कहा, ”आपने इसमें भी राजनीति की। जो जीता वही सिकंदर होता है। गोल मारने वाले को ही श्रेय दिया जाता है और आज यह गोल प्रधानमंत्री ने मारा है। यह प्रधानमंत्री और भाजपा का विधेयक है, आपको मानना पड़ेगा।’



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