अभिलाष मिश्रा/इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में ईद पर पिछले पांच दशक से एक विशेष परंपरा चली आ रही है. यहां एक हिंदू परिवार बग्घी लेकर शहर काजी के घर आता है और उन्हें बाइज्जत बग्घी में बैठाकर ईदगाह ले जाता है. ईद की नमाज के बाद काजी साहब को बग्घी में बैठाकर उनके घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी भी यह हिंदू परिवार ही निभाता है. पांच दशक पहले इंदौर के रामचंद्र सलवाडिया ने यह परंपरा शुरू की थी. उनके निधन के बाद उनके पुत्र सत्यनारायण सलवाडिया इसे आगे बढ़ा रहे हैं.
इंदौर में सामाजिक सौहार्द्र को लेकर पिछले 50 वर्षों से यह हिंदू परिवार ईद के मौके पर अनूठी परंपरा निभाता आ रहा है. इस संबंध में शहर काजी इशरत अली ने बताया कि बीते 50 वर्षों से सत्यनारायण सलवाडिया और उनके परिवार द्वारा हर वर्ष ईद उल अजहा के मौके पर मुझे राज मोहल्ला निवास से ईदगाह तक बग्घी में लाया जाता है. यह परंपरा इनके पिता रामचंद्र सलवाडिया ने शुरू की थी. जिसे अब उनके बेटे सत्यनारायण निभा रहे हैं. आजकल कौम के नाम पर तमाम प्रकार की बातें होती हैं, लेकिन असल में वास्तविकता तो यह है कि हम सब एक हैं. 50 वर्षों से चली आ रही परंपरा भी यही बताती है.
सदर बाजार ईदगाह में अदा होती है नमाज
बता दें कि इंदौर में 50 वर्षों से लगातार शहर काजी इशरत अली के द्वारा सदर बाजार ईदगाह में नमाज अदा की जाती है. पिछले पांच दशक से चली आ रही यह परंपरा इस वर्ष भी देखने को मिली. ठीक समय पर सत्यनारायण सलवाडिया बग्घी लेकर शहर काजी के निवास पर पहुंचे और उन्हें बग्घी में बैठाकर सदर बाजार स्थित ईदगाह ले गए. सुबह 9.45 पर यहां नमाज अदा की गई. इस दौरान शहर काजी समेत सैकड़ों मुस्लिम मौजूद रहे. वहीं, यह अनूठी परंपरा शहर भर में चर्चा का विषय रहती है.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 13:50 IST