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राज्य के वित्त संपोषित (अनुदानित) डिग्री कॉलेजों को अनुदान जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। अब इनके अनुदान जारी करने को लेकर जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। शिक्षा विभाग के निर्देश पर कॉलेजों के द्वारा पीपीटी के माध्यम से तमाम तरह की जानकारियां दे दी गई हैं। कॉलेज के प्राचार्य, उसके शासी निकाय के पदाधिकारियों आदि ने सारा ब्योरा दिया है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेजों के द्वारा दी गई तमाम जानकारियों की समीक्षा के बाद अनुदान जारी करने पर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि शैक्षणिक सत्र 2013-16 के बाद से इन संस्थानों को अनुदान जारी नहीं हो सका है। सबसे पहले सत्र 2014-17 के लिए अनुदान राशि जारी की जानी है। राज्य में ऐसे डिग्री कॉलेजों की संख्या 230 है।
विश्वविद्यालयों की सुस्त से लटका रहा मामला विश्वविद्यालयों के सुस्त रवैये के कारण अनुदान राशि के आवंटन का मामला लंबित रहा। डिग्री कॉलेजों के अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन समेत अन्य प्रक्रियाओं को पूरी करने की व्यवस्था की गई है। इसको लेकर विश्वविद्यालयों के कर्मियों का प्रशिक्षण भी कराया गया था। ताकि, अनुदान के लिए प्रस्ताव प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं आये। इसके बाद भी अनुशंसा नहीं आ सकी थी।
वेतन पर खर्च होगा अनुदान:
विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के पास यह मामला गया तो उन्होंने उक्त कॉलेजों के द्वारा किये जा रहे पठन-पाठन की व्यवस्था आदि से संबंधित मामलों की समीक्षा का निर्देश दिया। इसके बाद अलग-अलग टीम बनाकर कॉलेजों का पीपीटी देखा गया। परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इन कॉलेजों के लिए अनुदान की राशि तय होती है। विश्वविद्यालयों के माध्यम से विभाग यह राशि कॉलेजों के खाते में भेजता है। विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि अनुदानित कॉलेजों को दी जाने वाली राशि का उपयोग सिर्फ शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए किया जाएगा।
● समीक्षा के बाद अनुदान देने की कार्रवाई शुरू होगी।
● शैक्षणिक सत्र 2013-16 के बाद से नहीं दी गई है अनुदान राशि।
● सबसे पहले सत्र 2014-17 के लिए अनुदान राशि जारी की जाएगी।