Home National उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 शुरू होने से एक दिन पहले बदरीनाथ-गंगोत्री धामों के हाईवे बंद, सड़क पर गुजर सकती रात VIDEO

उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 शुरू होने से एक दिन पहले बदरीनाथ-गंगोत्री धामों के हाईवे बंद, सड़क पर गुजर सकती रात VIDEO

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Uttarakhand Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 शुरू होने से ठीक एक दिन पहले नेशनल हाईवे (National High)बंद हो गया है। हाईवे बंद होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित देश-विदेश से उत्तराखंड आने वाले  तीर्थ यात्रियों  की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। बारिश के बाद भूस्खलन की वजह से हाईवे पर मलबा आने से हाईवे बंद हुआ है। यात्रा के दौरान के भी अगर खराब मौसम की वजह से हाईवे बंद होता है, तो चिंता की बात रहेगी की तीर्थ यात्रियों की रात सड़कों पर गुजर सकती है।

धामों में बारिश और बर्फबारी के बाद यात्रा की तैयारियों में जुटी प्रशासन की टीमों को निर्माण कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान की बात करें तो आने 22 अप्रैल तक मौसम खराब रहेगा। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि यात्रा के दौरान मौसम का अपडेट लेने के साथ ही अलर्ट रहें। 

बदरीनाथ हाईवे

उत्तराखंड के पर्वतीय और मैदानी जिलों में बुधवार के बाद गुरुवार 20 अप्रैल को भी जमकर बारिाश हुई। बारिश का दौर रातभर तक जारी रहा। बारिश की वजह से बुधवार शाम को हनुमानचट्टी पर बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने से बंद हो गया था, हालांकि गुरुवार दोपहर एक बजे हाईवे खुल गया था।

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लेकिन, एक बार फिर गुरुवार शाम को बदरीनाथ हाईवे हनुमानचट्टी, और गोविंदघाट के पास बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़क से मलबा हटाने को प्रशासन, और बीआरओ की टीम जुटी हुई है। गोविंदघाट से मलबा हटा लिया गया है, जबकि हनुमानचट्टी के पास मलबा हटाने का काम जारी है। बदरीनाथ धाम में करीब दो फीट तक ताजा बर्फ गिरी। 

केदारनाथ पैदल मार्ग 

केदारनाथ धाम के पास एक बड़ा सा हिमखंड टूटने के बाद पैदल मार्ग पर आकर गिर गिया। हिमखंड की वजह से पैदल मार्ग पर आवाही बंद हो गई। कुबेर और भैरव गदेरे के बीच हिमखंड टूटा है। विदित हो कि केदारनाथ धाम में बुधवार से रुक-रुककर बारिश हो रही है। खराब मौसम और हिमखंड के टूटने की वजह से यात्रा की तैयारियों में जुटी निर्माण टीमों को काफी परेशानी हुई। लोनिवि के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मजदूरों की टीम को बर्फ हटाने के लिए स्पॉट पर भेजा गया है। 

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गंगोत्री और यमुनोत्री भी बंद

उत्तरकाशी जिले में खराब मौसम से प्रशासन और यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। गंगोत्री हाईवे हेल्गू गार्ड के पास मालबा व पत्थर आने के कारण बंद हो गया है। जबकि, यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर किसाला के पास बोल्डर  गिर गया है। बोल्डर की वजह से हाईवे पर ट्रैफिक बाधित हुआ है। हाईवे बंद होने के बाद प्रशासन, और बीआरओ की टीम मौके पर पहुंचकर हाईवे खोलने के काम में जुटी हुई है। राहत की बात है कि बडकोट हाईवे खुला है, और गाड़ियों की आवाजाही सामान्य है। 

पहाड़ों में बारिश का दौर रहेगा जारी

उत्तराखंड में 20 अप्रैल से दो दिन तक बारिश के बाद अब मौसम साफ होने की उम्मीद है। मौसम विभाग (IMD)के मुताबिक,उत्तराखंड में 21 अप्रैल को पर्वतीय जिलों में हल्की से हल्की बारिश हो सकती है। वही मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है।

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निदेशक डॉक्टर बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं पर गर्जना के साथ हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहेगा इसके अलावा 22, 23, 24 अप्रैल को भी प्रदेशभर में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है।

यात्रा मार्ग पर रहेंगी काफी मुश्किलें

गंगोत्री धाम के कपाट खुलने में अब महज एक दिन का समय शेष है और इसी के साथ चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाएगी। बावजूद इसके बाद यात्रा तैयारियां अब पूरी नहीं हुई है। हालात बता रहे हैं कि यमुनोत्री धाम की यात्रा पड़ाव पर यात्रियों को सड़क से लेकर घाट तक तमाम दुश्वारियों से दो-चार होना पड़ेगा।

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ऑलवेदर रोड निर्माण कार्य में आई हाई पावर कमेटी की रोक के कारण पाली गाड से जानकी चट्टी तक के 28 किमी. के दायरें में धूल के गुबार के साथ ही जगह-जगह गड्ढे  बने हुए हैं। अभी तक टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं की जा सकी है। यात्रा को मात्र एक दिन का समय सेष रह गया है। ऐसे में व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे है। 

यमुनोत्री में नहीं बन पाये सुरक्षित घाट 

यमुनोत्री धाम में यमुना नदी के 70 मीटर के  लंबे तट पर रोजाना हजारों लोग डुबकी लगाते हैं। इस लिहाज से हर यात्रा सीजन के दौरान यमुनोत्री  में घाटों के निर्माण के साथ सुरक्षा इंतजाम भी किए जाते हैं लेकिन, गत वर्षों में अतिवृष्टि के कारण यमुनोत्री धाम के स्नान घाट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। जिनका अभी तक पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है।

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घाटों पर जो कार्य होना था वह भी बारिश व बर्फबारी के कारण नहीं हो पाया है। जाहिर है कि बिना सुरक्षा इंतजाम के यमुना में स्नान करना खतरे से खाली नहीं है। इस वजह से इस वर्ष भी स्नान घाटों की जर्जर स्थिति से यात्रियों को असुरक्षित यमुना स्नान को मजबूर होना पड़ेगा। 



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