उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने की चर्चाओं के बीच उसकी भी छानबीन की जा रही है। एसटीएफ सूत्रों की मानें तो एक टीम बकायदा कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की छानबीन में जुटी है। लिहाजा अभी एसटीएफ के अफसर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। पिछले माह हुई थी परीक्षा लोक सेवा आयोग ने पिछले माह 18 तारीख को प्रदेश के 413 केंद्रों पर कांस्टेबल भर्ती परीक्षा कराई थी। इसमें 1.20 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। पर पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर हुए खुलासे के बाद अब कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
चतुर्वेदी ने दी जानकारी एसटीएफ सूत्रों की मानें तो कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को लेकर अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कई अहम जानकारी दी हैं। इसके चलते एसटीएफ मामले की जांच में जुट गई है। एक टीम हरिद्वार में ही डेरा डाले हुए है। अनुभाग अधिकारी संजीव की जड़ें खंगाली जा रही हैं। चर्चा है कि जल्द इस परीक्षा को लेकर भी हैरान कर देने वाली बात सामने आ सकती है। एसटीएफ के एक अधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर इस परीक्षा को लेकर छानबीन करने की बात कबूली।
उत्तराखंड लेखपाल पटवारी भर्ती परीक्षा की नई डेट जारी
पूर्व की परीक्षाओं पर भी गहराया संदेह
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की गिरफ्तारी के बाद वर्ष 2013 के बाद हुई भर्तियां भी संदेह के घेरे में आ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक दो सीओ, छह एसडीएम और कई इंजीनियरों की भर्ती में संजीव का हाथ होने की बात सामने आ रही है। हालांकि एसटीएफ अभी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है, लेकिन पूछताछ के दौरान प्रदेश के कई क्लास वन अफसरों के संपर्क की बात सामने आ चुकी है।
संजीव चतुर्वेदी 2013 में सेक्शन ऑफिसर बने थे। पटवारी भर्ती परीक्षा में चतुर्वेदी की संलिप्तता के चलते अब वर्ष 2013 के बाद हुई सभी भर्तियों पर संदेह गहरा गया है। तब से हुई सभी नौ भर्ती परीक्षाएं संदेह के घेरे में आ गई हैं। अब इस सभी परीक्षाओं की जांच एसटीएफ कर सकती है। हालांकि इन भर्तियों की जांच को लेकर एसटीएफ ने कोई खुलासा नहीं किया है।
चतुर्वेदी की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ का सबसे पहला सवाल यही था कि यह धंधा कब से चला रहे हो? चतुर्वेदी ने इस पर गोलमोल जवाब दिया। हालांकि पूछताछ में यह बात सामने आई कि वर्ष 2013 के बाद भर्ती हो चुके दो सीओ, छह एसडीएम और कई इंजीनियर ऐसे है, जो संजीव चतुर्वेदी के खास हैं। इन अफसरों की भर्ती में अधिकारी के हाथ होने का अंदेशा जताया जा रहा है। आरोपियों ने अभ्यर्थियों से उनकी मूल दस्तावेज के अलावा चेक भी जमा किए थे। भर्ती होने के बाद मूल दस्तावेज वापस करने थे। आरोपियों ने किसी भी अभ्यर्थी को पेपर की फोटो नहीं लेने दी। संजीव चतुर्वेदी की पत्नी रितु सवाल हाथ से लिखकर लाई थी।
वर्ष 2004 में हुआ भर्ती संजीव 2004 में आयोग में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर भर्ती हुआ था। उसके बाद समीक्षा अधिकारी और अब अनुभाग अधिकारी के पद पर था।
दिल का मरीज बताया एसटीएफ ने जब सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी संजीव चतुर्वेदी ने खुद को दिल का मरीज बताया। उम्र अधिक होने से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ नहीं की।