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उत्तराखंड में बेसिक शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। सरकार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले बेसिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है। बेसिक शिक्षकों की योग्यता से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षा विभाग ने बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली संशोधन को ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट को चार मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में लाए जाने की तैयारी है।
शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत बीते दिनों इस संबंध में संकेत दे चुके हैं। उनका कहना है कि कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को अनुमति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया तुरंत ही शुरू कर दी जाएगी। मालूम हो कि इस वक्त बेसिक स्तर पर शिक्षकों के करीब साढ़े तीन हजार पद रिक्त हैं। नियमावली में संशोधन के साथ बेसिक शिक्षक की पात्रता से बीएड की डिग्री ( BEd Degree ) हट जाएगी। इसके बाद केवल डीएलएड ( DElED ) प्रशिक्षित ही कक्षा एक से पांच तक के लिए शिक्षक ( Class 1 to 5 Teacher ) बनने के पात्र होंगे।
सूत्रों के अनुसार, बेसिक शिक्षा निदेशालय को इस बाबत ताकीद कर दी गई है कि नियमावली संशोधन के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयारी पूरी रखें। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड की डीएलएड प्रशिक्षितों की संख्या को आधार पर शिक्षा विभाग, शिक्षक भर्ती को दो चरण में शुरू कर सकता है।
एक दिन, एक स्थान पर सभी पदों की काउंसलिंग
शिक्षा विभाग बेसिक शिक्षक भर्ती में नई व्यवस्था लागू करने पर भी विचार कर रहा है। इसके तहत जिलों में अलग अलग काउंसिलिंग कराने के बजाए एक ही स्थान पर एक ही दिन सभी पदों की काउंसिलिंग और नियुक्तियां करने की योजना है। इसका फायदा यह होगा कि कई बार बेरोजगार एक से अधिक जिलों में आवेदन कर देते हैं। चयन होने के बाद वो इच्छित जिले में ज्वाइन कर लेते हैं। मेरिट में नाम आने की वजह से दूसरे जिलों में एक एक पद भर्ती से छूट जाता है। इससे समय पर सभी पदों को भरना मुमकिन नहीं हो पाता। छूटे पदों को भरने के लिए नए सिरे प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती है।
प्रदेश में लगातार हो रही भर्तियां, मिल रहे नियुक्ति पत्र
वर्ष 2023-24 में राज्य लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के जरिए अब तक 3841 अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की जा चुकी है जबकि चिकित्सा चयन बोर्ड ने 2713 अभ्यर्थियों का चयन किया है। शिक्षा विभाग में करीब दस हजार पदों पर स्थायी और आउटसोर्स आधार पर भर्तियां करने का लक्ष्य है। इससे पूर्व अफसरों की भर्ती में भी धामी सरकार रिकार्ड स्थापित कर चुकी है। लोक सेवा आयोग के आंकड़ों के अनुसार जहां पहले 22 साल में केवल 6869 अफसरों की भर्ती हो पाई थी। धामी के एक साल के कार्यकाल में ही 6635 अफसरों की भर्ती परीक्षा का रिकार्ड बना। पहले जहां लोक सेवा आयोग साल में केवल पांच आठ से दस परीक्षाएं करा पाता था। अब पांच से गुना ज्यादा परीक्षाएं करा पाता है।