चमोली. जोशीमठ शहर भू-धंसाव की जद में है. अभी तक 584 मकान, होटल इसकी जद में आ चुके हैं. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जोशीमठ की स्थिति चिंताजनक है. जोशीमठ का निरीक्षण करके लौटी टेक्निकल टीम ने कई सुझाव दिए हैं. उनपर तत्काल अमल करने की आवश्यकता है.
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा के अनुसार, टेक्निकल टीम ने भू-धंसाव का सबसे बड़ा कारण जोशीमठ में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने को माना है. इसलिए सबसे पहले इसका प्रबंधन करना होगा. इसके अलावा अलकनंदा नदी के कारण हो रहे कटान भी भू-धंसाव का कारण बन रहा है.
जोशीमठ में पांच-पांच मंजिला होटल भी हैं, टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि इस तरह के अनियंत्रित और अनियोजित निर्माण कार्यों से धंसाव और भी बढ़ रहा है. दरअसल ये हालात सिर्फ जोशीमठ के नहीं, पहाड़ के अधिकांश शहरों के हैं. आपदा प्रबधंन विभाग का कहना है कि ये पॉलिसी मैटर है.
उत्तराखंड के करीब 32 गावों में कमोबेश जोशीमठ जैंसे हालात बने हुए हैं. इन गावों के 148 परिवारों की विस्थापन की फाइल सालों से आज भी सरकारी दप्तरों में रेंग रही है. हालांकि, 2012 से अब तक 45 से अधिक गावों के करीब 14 सौ परिवारों का विस्थापन भी किया गया. लेकिन, ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : January 04, 2023, 10:30 IST