नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने शनिवार को एकनाथ शिंदे गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष और तीर’ चिन्ह दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले की सराहना की. शाह ने पुणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कल चुनाव आयोग ने दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया. भारत के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आदेश दिया कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और पार्टी का प्रतीक ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट को दिया जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, कुछ लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए विरोधी दल के तलवे चाट रहे थे. शिंदे साहेब को असली शिवसेना मिल गई है. कुछ लोग झूठ बोलते थे. पार्टी के कार्यकर्ताओं को धोखा देकर कुछ लोग सीएम बने थे. गृह मंत्री ने कहा राज्य में हम लोग एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. गृह मंत्री ने कहा यूपीए के काल में हर मंत्री खुद के प्रधानमंत्री मानता था और प्रधानमंत्री को भी प्रधानमंत्री नहीं मानते थे. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए जिससे भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई.
इस कार्यक्रम में मौजूद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के 2.5 साल बर्बाद हो गए. फडणवीस ने कहा, “राज्य में एमवीए की सरकार के 2.5 साल बेकार थे. अब हमारे पास 2.5 साल बचे हैं और हमें काफी काम करना है. हमारी ‘डबल हॉर्सपावर’ की सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी ताकत से काम करेगी.
एकनाथ शिंदे ने फैसले को बताया लोगों की जीत
वहीं निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्वाचन आयोग द्वारा उनके धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले को सच्चाई एवं लोगों की जीत बताया. उन्होंने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं. लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है. यह सच्चाई और लोगों की जीत है और साथ ही यह बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद भी है. हमारी शिवसेना वास्तविक है.
गौरतलब है कि तीन सदस्यीय आयोग ने शिंदे द्वारा दायर छह महीने पुरानी याचिका पर सर्वसम्मत आदेश में कहा कि वह विधायक दल में पार्टी की संख्या बल पर निर्भर था, जहां मुख्यमंत्री को 55 में से 40 विधायकों और 18 में से 13 लोकसभा सदस्यों का समर्थन हासिल था.
आयोग ने आदेश में कही ये बातें
आदेश में, तीन सदस्यीय आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘मशाल’ चुनाव चिह्न को बनाए रखने की अनुमति दी, जो उसे राज्य में विधानसभा उपचुनावों के समाप्त होने तक एक अंतरिम आदेश में दिया गया था.
आयोग ने 78 पृष्ठ के अपने आदेश में कहा है, ‘‘पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और पार्टी का चिह्न ‘तीर-कमान’ याचिकाकर्ता गुट द्वारा बनाए रखा जाएगा. आयोग ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में शिंदे गुट को आवंटित ‘‘बालासाहेबंची शिवसेना’’ का नाम और ‘‘दो तलवारें और ढाल’’ के चिह्न पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जायेगी और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा.
आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े. अपने आदेश में, आयोग ने कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले 40 विधायकों ने कुल 47,82,440 मतों में से 36,57,327 मत प्राप्त किए, जो 55 विजयी विधायकों के पक्ष में डाले गए मतों का लगभग 76 प्रतिशत है.
यह पहली बार है जब ठाकरे परिवार ने 1966 में बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी का नियंत्रण खो दिया है. पार्टी ने हिंदुत्व को अपनी प्रमुख विचारधारा के रूप में अपनाया था और 2019 तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन था, जब उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने के लिए गठबंधन तोड़ दिया था.
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Tags: Amit shah, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Shivsena
FIRST PUBLISHED : February 19, 2023, 00:11 IST