हाइलाइट्स
हवाई जहाज या लिफ्ट से ऊंचाई में पर कई लोगों को कान में दर्द और बंद होने लगते हैं.
कान में होने वाले इस अनुभव को विज्ञान की भाषा में ईयर बैरोट्रॉमा के रूप में जाना जाता है.
Ear barotrauma: ऊंचाई की सैर करना जितना सुखद उतना ही चुनौतीपूर्ण भी होता है. खासकर तब, जब लिफ्ट से ऊंचाई पर जाना हो, प्लेन में जाना हो या फिर ऊंचे पहाड़ों पर जाना हो. यदि आप भी हवाई जहाज या ऊंचाई पर लिफ्ट से आना-जाना करते हैं, तो एक बात आपने नोटिस जरूर की होगी, कि अक्सर कान में दर्द और कान बंद होने लगते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल, कान में होने वाले इस अनुभव को विज्ञान की भाषा में ईयर बैरोट्रॉमा (ear barotrauma) के रूप में जाना जाता है. हालांकि, ये न कोई अजूबा है और न ही कोई खतरनाक बीमारी है. अब सवाल है कि आखिर कान में दर्द होता क्यों है? राहत पाने के लिए क्या करें? इन सवालों के बारे में बता रहे हैं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कन्नौज के असिस्टेंट प्रोफेसर (ईएनटी) डॉ. अवनीश कुमार चौधरी…
क्या है कान में दर्द की वजह?
यदि आप ऊंचाई या फिर प्लेन की यात्रा कर रहे हैं तो आपको उससे जुड़ी जानकारियां भी होनी चाहिए. दरअसल, कई लोगों को इस दौरान कान बंद होने और कान में दर्द होना शुरू हो जाता है. हालांकि ये दर्द किसी को हल्का तो किसी को तेज होता है. इसके अलावा किसी को कान बंद होनी की भी परेशानी हो जाती है. ऐसा होने का मुख्य कारण ऊंचाई बदलने से फ्लाइट या लिफ्ट के अंदर एयर प्रेशर यानी हवा का दबाव तेजी से पड़ना है.
क्या है ईयर बैरोट्रॉमा?
एक्सपर्ट के मुताबिक, ईयर बैरोट्रॉमा एक ऐसी स्थिति है, जो एयर प्रेशर में बदलाव के कारण कान में परेशानी का कारण बन सकती है. दरअसल, हमारे कानों में एक ट्यूब होती है, जो कान के बीच के हिस्सों को गले और नाक से जोड़ती है. इस ट्यूब को यूस्टेशियन ट्यूब (Eustachian Tube) कहा जाता है. यह ट्यूब कान के दबाव को भी नियंत्रित करने में मदद करती है. ईयर बैरोट्रॉमा एक आम प्रक्रिया है, खासकर ऐसे वातावरण में जहां आप काफी ऊंचाई पर होते हैं.
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इस स्थिति में क्या करें?
आपको बता दें, कि हमारे कान में मौजूद Eustachian ट्यूब आमतौर पर हवा का दबाव बदलने पर तुरंत रिस्पान्स नहीं करती है. इससे व्यक्ति को ईयर बैरोट्रॉमा का सामना करना पड़ता है. यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ हो जाए तो आप च्विंगम या जम्हाई लेने का काम करें. ऐसा करने से बंद ट्यूब खुल जाते हैं. इसके साथ ही, कान में हवा का दबाव फिर से सामान्य हो जाता है. इसके अलावा, फ्लाइट से सफर करते हुए साथ बच्चे हैं, तो टेकऑफ या लैंडिंग के समय उन्हें कुछ चूसते को दें. साथ ही उन्हें सामान्य से धीरे-धीरे सांस लेने को कहें. ऐसा करने से यूस्टेशियन ट्यूब नियंत्रित होगी. इसके आप चाहें तो बच्चों के कान को ईयरफोन या ईयरप्लग से भी कवर कर सकते हैं.
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 13, 2023, 10:54 IST