हाइलाइट्स
आजकल एंग्जायटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है.
एंग्जायटी की पहचान कर सही इलाज कराना चाहिए.
Anxiety Treatment: एंग्जायटी यानी चिंता एक सामान्य मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जो आजकल कई लोगों को प्रभावित कर रही है. यह अत्यधिक और निरंतर चिंता, भय व आशंका के रूप में प्रकट होती है. एंग्जाइटी अक्सर दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करने के साथ होती है. हालांकि चिंता के लक्षणों को संभालने और कम करने के लिए कई प्रभावी उपचार मौजूद हैं. इस लेख के माध्यम से इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के डॉ. वैभव चतुर्वेदी, कंसल्टेंट, साइकेट्रिस्ट ने एंग्जायटी और इसके उपचारों की व्यापक जानकारी दी है, जो सभी के लिए बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं.
एंग्जायटी होने के कारण
चिंता एक जटिल स्थिति है, जो विभिन्न रूपों में प्रकट होती है. जैसे- सामान्य चिंता विकार, आक्रोश विकार, विशेष भय आदि. हालांकि कुछ बार तनावपूर्ण परिस्थितियों के प्रतिक्रिया के रूप में अवसाद होते हैं. अवसाद का एक सबसे बड़ा कारण जेनेटिक माना जाता है, जिसमें यदि किसी व्यक्ति के परिवार में किसी को एंग्जायटी की समस्या रही है, तो उसे होने की आशंका हो सकती है. इसके अलावा दिमाग में सीरोटोनिन नामक न्यूरो ट्रांसमीटर में यदि कुछ तरह का अवरोध उत्पन्न होता है और यह भी एक कारण माना जा सकता है, जिससे व्यक्ति को अवसाद होता है.
मेडिसिनल ट्रीटमेंट
एंग्जायटी की समस्या अधिक होने पर साइकाइट्रिस्ट से संपर्क करना बेहद जरूरी है, ताकि डॉक्टर इसके पीछे के कारणों को समझ पाए और सही इलाज दे सके. डॉक्टर सबसे पहले अवसाद की समस्या को कम करने के लिए मेडिसिन्स देते हैं. यह मेडिसिन इस तरह की होती हैं जो मरीज के अवसाद को कम करने में मदद करती हैं. बशर्ते वे दवाएं नियमित रूप से ली जा रही हों.
जीवनशैली में परिवर्तन
एंग्जायटी का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल भी है, जिसमें बाहर का खाना या असमय भोजन करना या देरी से सोना और देर से उठना आदि सभी शामिल हैं. यही नहीं आजकल व्यायाम या प्राणायाम नहीं करना भी एंग्जायटी की समस्या को बढ़ाते हैं. डॉक्टर मरीज को उनके जीवनशैली में कई तरह के बदलाव करने के लिए कहते हैं, जिसमें हर कार्य समय पर करना, दिन में 15 मिनट का व्यायाम या वॉकिंग और अच्छी नींद आदि को अपनाएं, जिससे निश्चित ही मरीज को कई बेहतर परिणाम मिलते हैं.
कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी
सीबीटी थेरेपी को टॉक थेरेपी के नाम से भी जानते हैं. टॉक थेरेपी की मदद से साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर मरीज से बात करके उनके मन में मौजूद नकारात्मक विचारों को जानने की कोशिश करते है और तनाव का कारण पता लगाता है, जिससे उनका तनाव कम किया जा सके. चिंता के लिए उपयोगी और प्रभावी उपचार की पहली पंक्ति चिकित्सा सहायता है. चिकित्सा विशेषज्ञ या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना अत्यावश्यक है, जो चिंता के लक्षणों को समझेंगे और उपचार की व्याख्या करेंगे. निर्धारित दवाओं का उपयोग करना भी चिंता के उपचार में सामान्य रूप से सम्मिलित होता है.
मानसिक चिकित्सा, चिंता के उपचार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसमें विभिन्न उपायों का उपयोग करके मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या प्रशिक्षित प्रोफेशनल की मदद ली जाती है. कार्यक्रम जैसे मनोचिकित्सा (कोग्निटिव-व्यवहारी चिकित्सा), अभिव्यक्ति चिकित्सा, स्नायु-प्रणाली स्थापना चिकित्सा और एंग्जायटी से निपटने की कला आदि शामिल हो सकते हैं. यदि आप एंग्जायटी से अधिक परेशान हैं जिससे आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तो तुरंत ऐसे हॉस्पिटल के विशेषज्ञ को दिखाएं जहां फुल टाइम स्पेशल्टी की सुविधा दी गई हो, जिससे बेहतर इलाज मिल सके.
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Tags: Anxiety, Health, Lifestyle, Mental Health Awareness
FIRST PUBLISHED : June 12, 2023, 14:03 IST