Home Tech & Gadget एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वालों को सरकार की चेतावनी, सोशल मीडिया से जुड़ा अलर्ट

एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वालों को सरकार की चेतावनी, सोशल मीडिया से जुड़ा अलर्ट

0
एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वालों को सरकार की चेतावनी, सोशल मीडिया से जुड़ा अलर्ट

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहने वाले इंटरनेट यूजर्स के लिए एक अलर्ट जारी किया है और उन्हें एडवांस्ड मालवेयर से जुड़े खतरे के चलते सावधान रहने की सलाह दी गई है। सरकार ने बताया है कि सोशल मीडिया व अन्य मेसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए तेजी से फैल रहा यह मालवेयर यूजर्स का सेंसिटिव डाटा ऐक्सेस कर सकता है और हैकर्स को टारगेट डिवाइस का पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है। 

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से जुड़े विभाग कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स ने नए रिमोट ऐक्सेस ट्रोजन से जुड़ी जानकारी दी है। इस ट्रोजन का नाम ‘DogeRAT’ है और इससे जुड़ी एडवाइजरी 24 अगस्त को जारी की गई है। एडवाइजरी के मुताबिक, “एक ओपेन-सोर्स रिमोट ऐक्सेस ट्रोजन DogeRAT का पता चला है, जो खास तरह के मालवेयर कैंपेन के जरिए खास तौर से भारतीय इंटरनेट यूजर्स को निशाना बना रहा है।”

यह भी पढ़ें: ना हैकिंग का खतरा, ना वायरस का डर.. आपके फोन को सुरक्षित रखेंगे ये ऐप्स

सोशल मीडिया के जरिए फैल रहा है मालवेयर

मालवेयर को ओपेरा मिनी, OpenAI ChatGPT और यूट्यूब, नेटफ्लिक्स और इंस्टाग्राम जैसी ऐप्स की शक्ल में सोशल मीडिया और मेसेजिंग ऐप्स के जरिए फैलाया जा रहा है। एक बार टारगेट डिवाइस में इंस्टॉल होने के बाद यह मालवेयर कॉन्टैक्ट्स, मेसेजेस और बैकिंग क्रिडेंशियल्स जैसे डीटेल्स चोरी कर लेता है। इस सेंसिटिव डाटा को अटैकर के पास भेज दिया जाता था, जिसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। 

अटैकर को मिल जाता है डिवाइस पर कंट्रोल

एडवाइजरी में साफ बताया गया है कि मालवेयर के जरिए टागरेट डिवाइस पर पूरा नियंत्रण अटैक करने वाले को मिल जाता था। इसके चलते हैकर्स स्पैम मेसेजेस भेजने, अनऑथराइज्ड पेमेंट करने, फाइल्स में बदलाव करने, फोटोज या की-स्ट्रोक्स कैप्चर करने जैसे काम कर सकते थे। इसके जरिए यूजर की लोकेशन ट्रैक करने से लेकर ऑडियो रिकॉर्ड करने जैसे काम भी किए जा सकते थे। टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर भी पर APK फाइल्स के जरिए मालवेयर तेजी से फैलाया जा रहा है।

महज 8 साल की उम्र में हैकिंग, डार्क वेब से मंगवा ली AK-47; ऐसे हुआ खुलासा

यह है खुद को सुरक्षित रखने का तरीका

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स या फिर टेलीग्राम जैसे मेसेजिंग ऐप्स पर लिंक्स या APK फाइल्स के जरिए कभी ऐप्स डाउनलोड करें। लोकप्रिय ऐप्स के आधिकारिक वर्जन गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें और मॉडेड, प्रीमियम या फिर क्रैक्ड ऐप वर्जन्स के चक्कर में ना पड़े। नेटफ्लिक्स प्रीमियम या यूट्यूब प्रीमियम का फायदा फ्री में देने का दावा करने वाले ऐप्स आपको मालवेयर का शिकार बना सकते हैं। ऐसे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। 

[ad_2]

Source link