मुंबई:
भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक चमकीला सितारा बना हुआ है और इसके खुदरा बाजार का आकार अगले 10 साल में दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह खुदरा विक्रेताओं के लिए एक बड़ा अवसर पेश करेगा। बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं।
शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से इसके तीसरा सबसे बड़ा देश बनने की उम्मीद है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल बाजार की वृद्धि दर 9-10 फीसदी रहने की उम्मीद है।
बीसीजी के वरिष्ठ भागीदार और प्रबंध निदेशक अभीक सिंघी ने कहा, अगले दशक में विभिन्न श्रेणियों और प्रारूपों में भारतीय खुदरा क्षेत्र का आकार दोगुना होकर दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।
स्टोर का विस्तार जारी है और बढ़ते शहरीकरण के साथ अधिक खपत गैर-महानगरीय शहरों में होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, ई-कॉमर्स लगातार बढ़ रहा है, हाँलाकि शुद्ध रूप से नए यूजर जोड़ने की गति इस वर्ष धीमी रही है। ऑनलाइन की भूमिका और उसके पैमाने की फिर से कल्पना करने की जरूरत है।
संगठित खुदरा विक्रेताओं को प्रदर्शन बनाए रखने और शेयरों में वृद्धि जारी रखने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है, खुदरा क्षेत्र विकास की गति और आकार को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण बदलावों से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा, आय वृद्धि स्थिर बनी हुई है, और उपभोक्ता अपने व्यक्तिगत आय दृष्टिकोण पर आशावादी हैं। साथ ही, उपभोक्ता तेजी से अनुभवों पर खर्च करना चाहते हैं या नए/नवोदित वाहनों के माध्यम से अधिक बचत करना चाहते हैं।
आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन के अनुसार, व्यक्तिगत ग्राहक अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करके, नए सहयोग की खोज करके और दक्षता के लिए एआई का लाभ उठाकर, हम देश के खुदरा उद्योग को अभूतपूर्व विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर ले जा सकते हैं।
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