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सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद- फर्रुखाबाद में खाने-पीने के शौकीनों को स्वाद के लिए दूर भटकने की जरूरत नहीं पड़ती. हर गली और चौराहे पर कुछ ना कुछ लाजवाब मिल ही जाता है. लेकिन कमालगंज मुख्य मार्ग पर एक ऐसी दुकान है, जो पिछले 50 वर्षों से अपने समोसे और मिठाइयों के स्वाद से शहरवासियों की जुबान पर राज कर रही है.
तीन पीढ़ियों से चल रही है दुकान
कमालगंज तिराहे पर स्थित अमन मिष्ठान भंडार न केवल स्वाद का दूसरा नाम बन चुका है, बल्कि यह दुकान लोगों की भावनाओं और बचपन की यादों से भी जुड़ गई है. यह दुकान सबसे पहले अमन के दादा द्वारा शुरू की गई थी, जिसमें केवल मिठाइयां ही मिलती थी. बाद में अमन के पिता ने समोसे को शामिल किया और आज अमन चौरसिया इस दुकान की तीसरी पीढ़ी के रूप में चला रहे हैं.
ग्राहक की पसंद और सफाई का विशेष ध्यान
दुकानदार अमन चौरसिया लोकल 18 की टीम से बातचीत के दौरान बताते हैं कि वे खुद इस दुकान को संभालते हैं और ग्राहकों के स्वाद व सफाई को लेकर कभी कोई समझौता नहीं करते. समोसा और चटनी की गुणवत्ता वही बनाए रखने की कोशिश की जाती है, जो वर्षों पहले उनके दादा ने शुरू की थी.
जानिए कैसे बनता है यह स्पेशल समोसा
अमन बताते हैं कि समोसे का मसाला खास तरीका अपनाकर तैयार किया जाता है. मसाले बाजार से लाकर पहले घर पर अच्छे से सुखाए जाते हैं, फिर उन्हें तेल में भूनकर अलग-अलग पीसा जाता है. फिर इन मसालों को खास अनुपात में मिलाकर आलू, पनीर, हरी मटर, धनिया, जीरा, अजवाइन, जलजीरा आदि के साथ समोसे के मिश्रण में मिलाया जाता है.
चटनी का स्वाद है दिल जीतने वाला
यहां पर दो तरह की चटनियां मिलती हैं, मीठी और खट्टी. इन्हें गुड़, अजवाइन, और जीरा जैसे घरेलू मसालों से बनाया जाता है, जो समोसे के स्वाद को दोगुना कर देती हैं. एक प्लेट में दो समोसे और दो चटनी मात्र 20 रुपये में उपलब्ध होते हैं.
स्वाद ऐसा कि देर से पहुंचे तो खाली हाथ लौटना तय
यह दुकान इतनी प्रसिद्ध है कि अगर कोई ग्राहक थोड़ी देर से पहुंचे, तो समोसा और मिठाई खत्म हो जाते हैं. अमन मिष्ठान भंडार न केवल स्वाद की पहचान है, बल्कि यह फर्रुखाबाद की पुरानी विरासत का हिस्सा भी बन चुका है.
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