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New Study on Vaccine Doses: एक नई स्टडी में पता चला है कि एक ही बाजू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी चाहिए. इससे इम्यूनिटी तेजी से मजबूत होती है और बीमारी का खतरा कम हो जाता है. यह स्टडी ऑस्ट्रेलिया में हुई है.
एक ही बाजू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना ज्यादा फायदेमंद है.
हाइलाइट्स
- एक ही बाजू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने से इम्यूनिटी तेजी से बढ़ सकती है.
- ऑस्ट्रेलियाई स्टडी के अनुसार एक ही बाजू में डोज लेने से सुरक्षा जल्दी मिलती है.
- शोध में पाया गया कि एक ही बाजू में डोज लेने से एंटीबॉडीज तेजी से बनती हैं.
Best Way To Take Vaccine: वैक्सीन हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करती हैं. वैक्सीन लगवाने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और अगर बीमारी हो भी जाए, तो उससे ज्यादा नुकसान नहीं होता है. कोविड महामारी में अधिकतर लोगों ने वैक्सीन की 2 से 3 डोज लगवाई थीं. अक्सर बीमारियों की वैक्सीन की कम से कम 2 डोज लगाई जाती हैं. वैक्सीन लगवाते वक्त लोग इस बात का ध्यान नहीं देते हैं कि वैक्सीन किस बाजू में लगाई जा रही है. अब एक नई स्टडी में पता चला है कि किसी भी वैक्सीन की दोनों डोज एक ही बाजू में लगवाने से ज्यादा फायदा होता है.
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक नई रिसर्च में दावा किया है कि अगर वैक्सीन की बूस्टर डोज उसी बाजू में ली जाए जिसमें पहली डोज लगी थी, तो शरीर जल्दी और ज्यादा मजबूत इम्यूनिटी बनाता है. इससे शरीर जल्दी सुरक्षा तैयार करता है. यह खोज वैक्सीन की रणनीति को बेहतर बना सकती है और हो सकता है कि भविष्य में कम बूस्टर डोज की जरूरत पड़े. यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया की गार्वन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के किर्बी इंस्टीट्यूट ने मिलकर किया है.
‘सेल’ जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया कि जब दोनों डोज एक ही बाजू में दी जाती हैं, तो शरीर की रोगों से लड़ने वाली कोशिकाएं पहले से तैयार रहती हैं. दूसरी डोज वहीं देने से ये कोशिकाएं तुरंत सक्रिय हो जाती हैं और तेजी से ताकतवर एंटीबॉडीज बनाती हैं. शोधकर्ताओं ने सबसे पहले चूहों में यह असर देखा. फिर उन्होंने 30 लोगों पर एक अध्ययन किया, जिन्हें फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन लगी थी. इस अध्ययन में उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक एक ही बाजू में लगवाई थीं, उनमें तेजी से और ज्यादा सुरक्षा बनी. खासकर डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट्स में वैक्सीन का ज्यादा असर देखने को मिला.
गार्वन इंस्टीट्यूट में प्रिसिजन इम्यूनोलॉजी प्रोग्राम के निदेशक ट्राई फैन ने कहा कि यह हमारी इम्यूनिटी के काम करने के तरीके की एक अहम खोज है. हालांकि चार हफ्तों बाद दोनों ही समूहों में एंटीबॉडी का स्तर लगभग बराबर था, लेकिन एक ही बाजू में डोज लेने वालों को पहले सुरक्षा मिली जो महामारी के समय में बहुत मायने रखती है. स्टडी की अन्य लेखिका मी लिंग मुनियर ने कहा कि अगर किसी ने दोनों बाजू में वैक्सीन ली है तो घबराने की जरूरत नहीं है. समय के साथ सुरक्षा में फर्क कम हो जाता है, लेकिन महामारी के समय में कुछ दिन भी काफी अहम हो सकते हैं.