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Gorakhpur AIIMS sexual harassment case: गोरखपुर एम्स में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। एमबीबीएस की छात्रा ने संस्थान के प्रशासनिक अफसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा ने ईमेल कर एम्स प्रशासन को उत्पीड़न की जानकारी दी है। छह दिन पहले मिले ईमेल के बाद से हड़कंप मचा है। उधर, पीड़ित छात्रा के परिजन भी एम्स पहुंच गए हैं। इस वाकए के बाद छात्रा की तबीयत बिगड़ गई। उसके पहले मेडिसिन फिर मानसिक रोग विभाग में भर्ती किया गया था। एम्स प्रशासन ने छात्रा और उसके परिजनों को विशेष सुरक्षा भी दी है। परिजनों ने एम्स प्रशासन को छात्रा का दूसरे एम्स में ट्रांसफर को पत्र दिया है। एमबीबीएस छात्रा से यौन उत्पीड़न का आरोपी अधिकारी इस तरह की हरकतें लंबे समय से कर रहा था। वह संस्थान में तैनात महिला सुरक्षा कर्मियों पर भी गंदी नजर रखता था। उनके साथ गलत हरकतें करता था।
बताया जा रहा है की करीब 10 दिन पहले छात्रा हॉस्टल के कमरे के संदर्भ में संपर्क करने आरोपी अफसर के कार्यालय में पहुंची थी। इस दौरान अफसर ने छात्रा के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। इसके बाद छात्रा वहां से वापस भाग कर हॉस्टल पहुंच गई। घटना के बाद से छात्रा सदमे में आ गई। वह तीन दिन तक कमरे में बंद रही। इस दौरान उसने अपने परिजनों को सूचित किया।
अधिकारी ने किया था फोन
बताया जाता है कि घटना के बाद छात्रा को मनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी ने कई बार उसके मोबाइल नंबर पर फोन किया। हॉस्टल में भी संपर्क किया था। सूचना मिलते ही अगले दिन छात्रा के परिजन भी एम्स पहुंच गए। इसके बाद छात्रा को हॉस्टल से बाहार निकाला गया। सदमे में आई छात्रा को पहले मेडिसिन फिर मनोरोग विभाग में इलाज के लिए परिजन ले गए। इलाज के दौरान छात्रा ने विभाग के एक चिकित्सक से घटना का जिक्र किया। जिसके बाद यह भेद खुला है।
जांच विशाखा कमेटी को
कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल ने शिकायती ईमेल मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल की अगुआई वाली विशाखा कमेटी जांच कर रही हैं। दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
एम्स में अधिकारी की एंट्री पर रोक
आरोपी प्रशासनिक अधिकारी पिछले चार दिनों से एम्स नहीं आ रहा है। इसकी पुष्टि कार्यकारी निदेशक ने की। उन्होंने बताया कि बुधवार की रात में उनके एम्स आने की वजह यही शिकायत थी। उसी दिन संबंधित अधिकारी को फोन कर एम्स में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जब तक जांच चल रही है, वह एम्स में नहीं आ सकेंगे। वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारी के संस्थान आने पर रोक लगाने के साथ ही उनका कार्यालय बंद कर दिया गया है। छात्रा के परिजन जरूर आए थे। छात्रा को सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
10 दिन में एम्स में लगा दूसरा बड़ा दाग
इस वर्ष दो जनवरी को एम्स की तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके 10 दिन के अंदर ही तीसरे नंबर के वरिष्ठ अधिकारी के ऊपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इस प्रकार के आरोपों ने एम्स प्रशासन के इंतजामों को कटघरे में ला दिया है।
आईबी से प्रतिनियुक्ति पर है आरोपी अफसर की तैनाती
बताया जाता है कि आरोपी अधिकारी मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। आरोपी अफसर वरिष्ठता क्रम में संस्थान में तीसरे नंबर पर है। आईबी से यहां प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए तैनाती हुई है। अभी प्रतिनियुक्ति का एक साल बचा है। उन्हें काफी पावरफुल अफसर माना जाता है।
महिला सुरक्षाकर्मियों पर भी आरोपी अफसर की थी गंदी नजर
यौन उत्पीड़न की जांच में एक नए राज से भी पर्दा उठा है। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस छात्रा से यौन उत्पीड़न का आरोपी अधिकारी इस तरह की हरकतें लंबे समय से कर रहा था। वह संस्थान में तैनात महिला सुरक्षा कर्मियों पर भी गंदी नजर रखता था। उनके साथ गलत हरकतें करता था। कुछ गार्डों ने इसकी शिकायत वरिष्ठ गार्डों से की मगर उनकी आवाज को वहीं पर दबा दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उसके कमरे के बाहर सिर्फ महिला सुरक्षाकर्मी ही तैनात रहती थी। उस महिला सुरक्षाकर्मी का चयन भी आरोपी अधिकारी स्वयं करता था। वह हर महीने सुरक्षाकर्मियों को बदल देता था। इस दौरान कुछ सुरक्षा कर्मियों के साथ उसने अभद्रता भी की है। सूत्रों की माने तो कई महिला गार्ड्स ने इसकी शिकायत भी की। उनकी शिकायतों को वरिष्ठ सुपरवाइजरों ने दबा दिया।
प्रशासनिक अधिकारी की मिली जिम्मेदारी
एम्स के एकाउंट्स ऑफिसर व मीडिया प्रभारी रहे पंकज श्रीवास्तव को प्रशासनिक अधिकारी की भी जिम्मेदारी मिली है। यह जिम्मेदारी फौरी तौर पर दी गई है। उधर आरोपी प्रशासनिक अधिकारी का मोबाइल शुक्रवार को भी बंद रहा। आरोपी अधिकारी गुरुवार की देर शाम को विशाखा कमेटी के सामने पेश हुआ था। कानूनी कार्यवाही में देरी से फंस सकता है पेंच एम्स प्रशासन ने अभी इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की है। विशाखा कमेटी की जांच एम्स की आंतरिक जांच है। इसी रिपोर्ट के आधार पर एम्स प्रशासन मामले में आगे की कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। यही वजह है कि अभी तक पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है। पीड़िता का मेडिकल भी नहीं हुआ है।
इडी से मिले मिली छात्र-छात्राएं
एम्स परिसर में छात्रा से दुष्कर्म की जानकारी के बाद छात्र-छात्राएं ईडी कार्यालय पहुंच गईं। उनसे ईडी ने बात की और कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद सभी वापस चले गए। सुबह से ही एलआइयू और पुलिस के अधिकारी भी परिसर में सक्रिय हो गए। वरिष्ठ अधिकारी के फोन पर काल करने के एक महिला ने काल रिसीव की। कहा कि वह कुछ नहीं बताना चाहती। पूछने पर कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी है। सुबह से ही परिजनों ने फोन कर छात्र-छात्राओं से पूरा मामला जानने की कोशिश की।
आरोपी अफसर की पत्नी ने बताया निर्दोष
आरोपी अफसर की पत्नी ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है। मेरे पति ने एम्स में सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया। उन पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं हैं। इस वक्त जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सब निराधार हैं। मेरे पति ने सारे आरोपों का जवाब दिया है और आगे भी हर पूछताछ में पूरा सहयोग देंगे। मेरे पति ने लड़की के इलाज में पूरी मदद की थी।
दो बार नशे की गोलियां निगल चुकी है छात्रा
17 दिसंबर को आरोप लगाने वाली छात्रा ने नींद की ओवरडोज दवा खा ली थी। इलाज के बाद 18 दिसंबर को आरोप लगाने वाली छात्रा आरोपी अफसर के कार्यालय में गई थी। वहां वह करीब सवा घंटे तक रुकी रही। उसके साथ गई छात्रा कमरे से बाहर रही। इसके बाद वह भाई के साथ गई और करीब 10 मिनट तक रही। दूसरी बार जब गई, तभी उसके साथ अफसर ने मनमानी का प्रयास किया। इसके बाद वह घर चली गई। सात जनवरी को घर से आई तो फिर नशीली गोलियों की ओवरडोज ले ली थी।
विशाखा कमेटी कर रही जांच, खुल रहे भेद
एम्स में एमबीबीएस छात्रा द्वारा प्रशासनिक अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार को विशाखा कमेटी की जांच जारी रही। इसकी अगुवाई बालरोग की विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल कर रही है। कमेटी के सामने गार्ड के सुपरवाइजर भी पेश हुए। उन्होंने भी अपना लिखित बयान कमेटी को सौंपा है। इसके अलावा आरोपी अधिकारी ने भी कमेटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। आरोपी अधिकारी अपने बयान में खुद को बेगुनाह साबित करने में लगा रहा। शुक्रवार को भी विशाखा कमेटी की बैठक देर शाम तक चलती रही। बताया जा रहा है कि कमेटी एक-दो दिन में रिपोर्ट एम्स प्रशासन को सौंपेगी।
प्रेसिडेंट को कार्यकारी निदेशक ने दी जानकारी
शुक्रवार को एम्स के गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा संस्थान पहुंचे। इस दौरान उनकी मुलाकात कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल से हुई। डॉ जीके पाल ने प्रेसिडेंट को अब तक हुए घटनाक्रम और कार्रवाई की जानकारी दी है। उन्होंने प्रेसिडेंट को बताया कि पीड़ित छात्रा के परिजन कैंपस में मौजूद हैं। छात्रा को परिजनों के साथ रखा गया है। उनकी सुरक्षा में गार्ड तैनात हैं। इस बारे में एम्स के गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा ने कहा कि यह गंभीर संवेदनशील मामला है। निदेशक इसमें गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। आरोपी अगर दोषी मिलेगा तो उसको कठोरतम सजा मिलेगी।
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