भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शुक्रवार को एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) से बात कर एशियाई खेलों के लिए देश की कुश्ती टीम के ट्रायल्स की समयसीमा 15 जुलाई बढ़ाने की मांग की है। पहलवानों ने खेल मंत्रालय से अगस्त में ट्रायल कराने का अनुरोध किया है। आईओए को 15 जुलाई तक सभी वर्गों की सूची ओसीए को सौंपनी है। डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) ने सभी राष्ट्रीय महासंघों को 30 जून तक अपने संबंधित चयनित खिलाड़ियों के अंतिम सूची जमा करने के लिए कहा है।
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बजरंग पूनिया सहित विरोध करने वाले पहलवान अब एशियाई खेलों के ट्रायल में भाग लेने के इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें शारीरिक फिटनेस हासिल करने के लिए समय चाहिए। ये पहलवान डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लंबे समय से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन के कारण तैयारी नहीं कर पाये है।
पता चला है कि पहलवानों ने शुक्रवार को उप खेल सचिव एसपीएस तोमर को एक पत्र लिखा था और मंत्रालय के अधिकारी ने शनिवार को इस अनुरोध को डब्ल्यूएफआई की तदर्थ निकाय को भेज दिया।
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आईओए के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से पुष्टि की कि तदर्थ समिति ने आईओए से संपर्क किया था, जिसने समय सीमा बढ़ाने के लिए ओसीए को पत्र लिखा है। एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हां, हमें वह पत्र मिला था जो पहलवानों द्वारा लिखा गया था। इस पर यह निर्णय लिया गया कि अगर वे पहलवानों के लिए समय सीमा बढ़ाने के इच्छुक हैं तो ओसीए का विचार लिया जा सकता है।’
तदर्थ समिति जून के अंतिम सप्ताह में ट्रायल कराने का इच्छुक है ताकि सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को दी गई 30 जून की समय सीमा से पहले आईओए को नाम दिए जा सकें।
एशियाई खेलों का आयोजन 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक चीन के हांगझोऊ में होगा।
मौजूदा एशियाई खेलों के चैम्पियन बजरंग ने बहलगर साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र में अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने साथी जितेंद्र किन्हा के साथ अभ्यास किया।
बजरंग 65 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करते है अगर ट्रायल की तारीखों को बढ़ाया गया तो उन्हें इस में सुरजीत कलाकल से चुनौती मिल सकती है। सुरजीत 65 किग्रा वर्ग में अंडर 23 एशियाई चैम्पियन हैं।
प्रदर्शनकारी पहलवानों के शनिवार को हरिद्वार में भारत किसान यूनियन (बीकेयू) की बैठक के दौरान किसान नेताओं राकेश और नरेश टिकैत से मिलने की उम्मीद है, ताकि वे अपनी भविष्य की रणनीति पर चर्चा कर सकें।
पहलवानों के आंदोलन के भविष्य पर अंतिम फैसला रविवार को होने की संभावना है जब पहलवान खाप और अन्य किसान नेताओं से मिलेंगे।