UPSC Sucess Story 2022: यूपीएससी की परीक्षा पास करना और पहली रैंक हासिल करना, उन उम्मीदवारों के लिए सपने से कम नहीं है, जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए दिन- रात एक करने पड़ते हैं। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में पहली रैंक हासिल की है। आइए विस्तार से जानते हैं उन्होंने ये मुकाम कैसे हासिल किया, क्या थी उनकी स्ट्रैटजी।
इन शख्स का नाम प्रदीप सिंह हैं, जो हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले हैं। प्रदीप ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में ऑल ओवर इंडिया में पहली रैंक हासिल कर टॉप किया था।
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) के लिए कोचिंग ली थी और फिर दिल्ली में आकर टैक्स ऑफिस के रूप में पहली नौकरी प्राप्त की थी। बता दें, प्रदीप 4 बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए थे।
ये थी प्रदीप की स्ट्रैटजी
– प्रदीप ने बताया, जब उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ज्वॉइन किया था। उनकी पहली पोस्टिंग बसंत कुंज में थी। उस समय वह राजेद्र नगर में रहता थे। ऑफिस आने के लिए वह मेट्रो और बस का इस्तेमाल किया था। घर से ऑफिस आने के लिए उन्हें कम से कम डेढ़ से 2 घंटे का समय लगता था।
प्रदीप ने बताया नौकरी के दौरान जब मैंने यूपीएससी की पहली परीक्षा दी, उस समय मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि तैयारी पूरी नहीं थी। जिसके बाद मुझे महसूस हुआ कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है। जो मैं यूपीएससी के पहले प्रयास में नहीं दे पाया था।
– प्रदीप ने बताया, मैं नौकरी नहीं छोड़ सकता था। इसलिए मैंने कोशिश की कि अपने टाइम का पूरा इस्तेमाल कैसे किया जाए। ऐसे में ऑफिस आने- जाने के दौरान यूट्यूब के माध्यम से पढ़ना शुरू किया।
– ऑफिस के दौरान मैं लंच के समय पढ़ाई करता था। मैं अपना काम जल्दी जल्दी निपटाता था, ताकि लंच के समय पढ़ाई करने का मौका मिल जाए।
– प्रदीप ने बताया, जिस दिन मेरा ऑफिस का काम जल्दी खत्म हो जाता था, मैं अपने सीनियर्स से कह देता था, मुझे जल्दी घर जाने की अनुमति दें, ताकि मैं घर जाकर पढ़ सकूं। उन्होंने बताया- ऑफिस का पूरा स्टाफ बहुत सपोर्टिंव था। उन्होंने बताया, इस परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। बिना टाइम मैनेज किए UPSC को क्लियर करना मुश्किल है।
जानें- प्रदीप के एजुकेशन बैकग्राउंड के बारे में
यूपीएससी टॉपर प्रदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने पैतृक गांव टिवरी के सरकारी स्कूल में कक्षा 7 तक पढ़ाई की थी और बाद में उनका परिवार सोनीपत चला गया था। उन्होंने 2008 में शंभू दयाल आधुनिक स्कूल, सोनीपत से 12 वीं कक्षा की और सोनीपत के मुरथल में दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DCRUST) से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।
प्रदीप के पिता ने दी थी ये राय
हिन्दुस्तान टाइम्स को प्रदीप के पिता सुखबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए 2000 के दशक की शुरुआत में अपने परिवार को सोनीपत में शिफ्ट कर लिया था।
उन्होंने बताया, “मैंने प्रदीप से कहा था कि IAS बनने के लिए लगातार प्रयास करो और यह मत सोचो कि मैं उसकी पढ़ाई के लिए पैसे कहां से लाऊंगा”