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BJP-BJD Alliance: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। इस नारे को हकीकत में बदलने के लिए भाजपा पहल करती भी नजर आ रही है। पहले बिहार में नीतीश कुमार से गठबंधन कर एनडीए की स्थिति मजबूत की। इसके बाद ओडिशा में करीब 15 वर्षों के बाद अपने पुराने सहयोगी और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) से गठबंधन करने जा रही है।
इसको लेकर अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों दलों के नेताओं ने बुधवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन का संकेत दिया। बीजेडी नेताओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवास पर मैराथन बैठक की, वहीं भाजपा की ओडिशा इकाई के नेताओं ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा और बीजेडी में गठबंधन होने की पूरी संभावना है लेकिन इस पर शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा और यह विभिन्न पहलुओं, खासतौर पर सीट बंटवारे पर निर्भर करेगा। दोनों दलों का गठबंधन होता है तो करीब 15 साल के बाद दोनों दल साथ दिखेंगे।
भुवनेश्वर में तीन घंटे से अधिक की चर्चा के बाद बीजेडी उपाध्यक्ष और विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने भाजपा के साथ संभावित गठबंधन के बारे में चर्चा की बात स्वीकार की, लेकिन स्पष्ट रूप से पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि बीजेडी ओडिशा के लोगों के व्यापक हितों को प्राथमिकता देगा।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद जुएल ओराम ने बीजेडी के साथ गठबंधन पर चर्चा की बात स्वीकार की। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस मामले पर अंतिम फैसला करेगा।
ओडिशा में लोकसभा की 21 और विधानसभा की 147 सीट है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेडी और भाजपा क्रमश: 12 और आठ सीट पर जीत दर्ज की थी। विधानसभा में बीजेडी और भाजपा क्रमश: 112 और 23 सीट पर कब्जा किया था।
पूर्व भी दोनों दल गठबंधन कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सार्वजनिक रूप से एक दूसरे की प्रशंसा करते रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य में आयोजित मोदी की रैली में ऐसा ही दृश्य देखने को मिला था। बीजेडी संसद में अधिकतर समय मोदी सरकार के एजेंडे का समर्थन करती नजर आई है।