Home National कड़ाके की सर्दी में सीएम योगी की चाय के साथ जनप्रतिनिधियों को नया टास्‍क, MP को 5, MLA को 3 करोड़ मिलेंगे

कड़ाके की सर्दी में सीएम योगी की चाय के साथ जनप्रतिनिधियों को नया टास्‍क, MP को 5, MLA को 3 करोड़ मिलेंगे

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कड़ाके की सर्दी में सीएम योगी की चाय के साथ जनप्रतिनिधियों को नया टास्‍क, MP को 5, MLA को 3 करोड़ मिलेंगे

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UP Politics: भाजपा ने मिशन-2024 की तैयारी सरकार और संगठन दोनों स्तर पर तेज कर दी है। नये साल में सीएम ने मंडलवार पार्टी के सांसद-विधायकों से साझा मुलाकात का सिलसिला शुरू किया है। उन्हें नये साल के तोहफे के साथ एकजुटता और भाषायी संयम बरतने की नसीहतें भी दीं। विधायकों से तीन और सांसदों से पांच-पांच करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। साथ ही 2022 को 2024 में भी दोहराने का आह्वान किया। भीषण ठंड में सीएम की चाय ने जनप्रतिनिधियों में नई गर्माहट पैदा कर दी है।

यूं तो पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले भी सीएम योगी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक करते रहे हैं। इस बार यह सिलसिला चुनाव से काफी पहले ही शुरू हो गया है। दरअसल, सरकार लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अभी से हर मोर्चा दुरुस्त करना चाहती है। इलाकेवार समस्याएं सामने आएं ताकि समय रहते उनका निदान हो सके। इसीलिए हर विधायक-सांसद से एक-एक कर क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं पूछी जा रही हैं। सबकी बातें सुनने के बाद त्वरित योजना के तहत विधायकों से तीन और सांसदों से पांच करोड़ रुपये के कार्यों के प्रस्ताव तत्काल देने को कहा गया है। यह काम भी जल्द करा दिए जाएंगे। सिर्फ यही नहीं सीएम ने जनप्रतिनिधियों से अपनी अपेक्षा भी बता दी। कहा गया कि सांसद-विधायक कार्यक्रमों में साथ दिखें। खेमेबंदी बिल्कुल नहीं दिखनी चाहिए। विधायक कार्यक्रम कराएं तो सांसद प्रतिभाग करें और ठीक ऐसा ही विधायक भी करें।

मंडलवार बैठकों में सीएम ने खूब ली चुटकी

पार्टी के सांसद-विधायकों के साथ बैठकों में सीएम ने जहां खूब चुटकी ली, वहीं जनप्रतिनिधियों को इशारों-इशारों में समझा दिया कि कहां क्या हो रहा है, उसकी पूरी जानकारी है। ब्रज के एक मंत्री ने जब शुगर मिल से जुड़ा मसला उठाया तो उन्हें समझा दिया गया कि मार्च में यदि पैसा लैप्स हुआ तो उसका कौन जिम्मेदार होगा। एक सांसद से कहा कि कम से कम फोटो खिंचाते वक्त तो हंस दिया कीजिए। एक सांसद जब महिला विधायक द्वारा गिनाई समस्याओं को दोहराने लगे तो उन्हें बीच में ही टोक दिया गया कि रिपीट मत कीजिए। कासगंज के विधायक ने खाद्य नीति में बदलाव की बात कही तो उनसे कहा कि पहले नीति पढ़ तो लीजिए।

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