हाइलाइट्स
सूर्य के दक्षिणायन होने से दिन छोटे होने लगेंगे.
इस कर्क संक्रांति का नाम घोर और दृष्टि नैऋत्य है.
कर्क संक्रांति का पुण्य काल 6 घंटे 54 मिनट का है.
सूर्य देव जिस समय मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय सूर्य की कर्क संक्रांति कहलाती है. सूर्य देव अभी मिथुन राशि में हैं, इसके बाद वे कर्क राशि में गोचर करेंगे. कर्क संक्रांति से सूर्य देव उत्तरायण से दक्षिणायन होते हैं. सूर्य के दक्षिणायन होने से दिन छोटे होने लगेंगे. इस साल सूर्य देव श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, उस दिन कर्क संक्रांति होगी. कर्क संक्रांति के महापुण्य काल में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि कर्क संक्रांति कब है? कर्क संक्रांति का महापुण्य काल कब है? कर्क संक्रांति का प्रभाव क्या होगा?
कर्क संक्रांति 2023
इस साल कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन रविवार को है. इस दिन सूर्य देव वे दक्षिण की यात्रा प्रारंभ करेंगे, जिसे दक्षिणायन कहा जाता है. कर्क संक्रांति से सूर्य देव क्रमश: 6 राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु में गोचर करेंगे. मकर संक्रांति की तरह ही कर्क संक्रांति का भी महत्व होता है. इस दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व है.
इस कर्क संक्रांति का नाम घोर और दृष्टि नैऋत्य है. सूर्य देव का वाहन छाग और पूर्व दिशा में गमन है. सूर्य देव इस संक्रांति में कंबल पहने ध्यान की अवस्था में होंगे. उनका खाद्य पदार्थ शहद है.
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कर्क संक्रांति 2023 पुण्य काल
16 जुलाई को कर्क संक्रांति का पुण्य काल 6 घंटे 54 मिनट का है. उस दिन कर्क संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा, जो शाम 07 बजकर 21 मिनट तक होगा.
कर्क संक्रांति 2023 का महापुण्य काल
कर्क संक्रांति का महापुण्य काल 2 घंटे 18 मिनट का होगा. 16 जुलाई को कर्क संक्रांति का महापुण्य काल शाम 05 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और यह शाम 07 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
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कर्क संक्रांति का क्षण 2023
कर्क संक्रांति 16 जुलाई को सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि से शुरू हो रही है, इसकी संक्रांति का क्षण या समय 17 जुलाई सोमवार को सुबह 05 बजकर 19 मिनट पर है. इस तरह से सूर्य का राशि परिवर्तन 17 जुलाई को होगा.
कर्क संक्रांति पर स्नान-दान समय
कर्क संक्रांति वाले दिन आप महापुण्य काल में स्नान और दान करें. स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें और सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं का दान करें. इससे पुण्य प्राप्त होगा और सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होगी.
कर्क संक्रांति का प्रभाव
घोर नाम की कर्क संक्रांति कष्टपूर्ण समय ला सकती है. इसमें आपको अपने वस्तुओं की रक्षा करनी पड़ सकती है क्योंकि इसमें चोर सक्रिय हो सकते हैं. राशि परिवर्तन के कारण लोगों को खांसी, जुकाम या ठंड से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. देशों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है. वस्तुओं की लागत कम हो सकती है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : July 05, 2023, 06:35 IST