Home Life Style कब है कर्क संक्रांति, सोमवती अमावस्या, अधिक मास का प्रारंभ? देखें जुलाई के साप्ताहिक व्रत-त्योहार

कब है कर्क संक्रांति, सोमवती अमावस्या, अधिक मास का प्रारंभ? देखें जुलाई के साप्ताहिक व्रत-त्योहार

0


हाइलाइट्स

इस सप्ताह की शुरूआत सूर्य देव की संक्रांति से हुई है.
श्रावण अमावस्या को ही हरियाली अमावस्या कहते हैं. इस साल हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को है.

जुलाई 2023 का तीसरा सप्ताह आज 16 जुलाई रविवार से शुरू हुआ है. यह सप्ताह 16 जुलाई से 22 जुलाई तक है. इस सप्ताह की शुरूआत सूर्य देव की संक्रांति से हुई है. इस दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा करने का विधान है. जुलाई के तीसरे सप्ताह में सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या, सावन सोमवार व्रत, मंगला गौरी व्रत आने वाले हैं. इसके अलावा इस सप्ताह में ही मलमास का प्रारंभ हो रहा है. मलमास को अधिक मास कहते हैं. यह श्रावण का अधिक मास होगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं जुलाई 2023 के तीसरे सप्ताह के व्रत और त्योहार कब और किस दिन हैं.

जुलाई 2023 के तीसरे सप्ताह के व्रत और त्योहार
16 जुलाई, दिन-रविवार: कर्क संक्रांति
कर्क संक्रांति 2023: सूर्य की कर्क संक्रांति 16 जुलाई रविवार को है. कर्क संक्रांति का महापुण्य काल शाम 05 बजकर 03 मिनट से शाम 07 बजकर 21 मिनट तक है. इस समय में कर्क संक्रांति का स्नान और दान होगा. स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है. सूर्य कृपा से कार्य सफल होते हैं.

यह भी पढ़ें: 17 जुलाई को है सोमवती अमावस्या, करें 5 आसान उपाय, दरिद्रता होगी दूर, धन-दौलत से भर जाएगा घर

17 जुलाई, दिन-सोमवार: सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या, सावन सोमवार व्रत, कर्क में सूर्य गोचर, श्रावण अमावस्या
सोमवती अमावस्या 2023:
सावन की सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को है. इस दिन स्नान और दान के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन पूजा से अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन प्राप्त होता है. इस दिन आप पितृ दोष से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं. पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से सुख, शांति, वंश वृद्धि और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है.

हरियाली अमावस्या 2023: श्रावण अमावस्या को ही हरियाली अमावस्या कहते हैं. इस साल हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को है. हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ पौधे-लगाते हैं. इस दिन आप आम, आंवला, नीम, पीपल, बरगद, केला, बेल आदि जैसे शुभ पौधों को लगा सकते हैं.

यह भी पढ़ें: कल है कर्क संक्रांति, महापुण्य काल में करें स्नान, राशि अनुसार दें दान, चमकेगा भाग्य, ग्रह दोष होंगे दूर

सावन का दूसरा सोमवार व्रत 2023: सावन माह का दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई को है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. सावन सोमवार व्रत करने से व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है. इसे अलावा जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, तरक्की आदि के लिए भी सावन सोमवार व्रत रखा जाता है.

18 जुलाई, दिन-मंगलवार: अधिक मास प्रारंभ, सावन अधिक मास मंगला गौरी व्रत
अधिक मास 2023 प्रारंभ: इस साल अधिक मास का प्रारंभ 18 जुलाई दिन मंगलवार से हो रहा है. अधिक मास को मलमास भी कहते हैं. यह ​अधिक मास सावन माह में जुड़ा है, इसलिए यह सावन अधिक मास है. इसके कारण सावन का माह 59 दिनों का हो गया है.

मंगला गौरी व्रत 2023: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई को है. सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस दिन माता गौरी की पूजा करते हैं. उनके आशीर्वाद से पति की आयु लंबी होती है, संतान का सुख प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है.

21 जुलाई, दिन-शुक्रवार: सावन अधिक मास की विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी 2023: सावन के अधिक मास की विनायक चतुर्थी 21 जुलाई को है. इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करते हैं. गणपति पूजा दिन में ही कर लेते हैं क्योंकि रात के समय में चंद्रमा का दर्शन वर्जित है. इस व्रत को करने से गणेश जी संकट दूर करते हैं और कार्य में सफलता प्रदान करते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Sawan, Sawan somvar



Source link