हाइलाइट्स
माघ कृष्ण त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी.
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 05 मिनट से रात 08 बजकर 41 मिनट तक है.
फरवरी 2024 का पहला प्रदोष व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. यह व्रत बुधवार को होने के कारण बुध प्रदोष व्रत है. आपको जानना चाहिए कि हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. जिस दिन प्रदोष व्रत होता है, उस दिन का नाम प्रदोष व्रत के आगे जुड़ जाता है. जैसे बुधवार के दिन का प्रदोष बुध प्रदोष, शुक्रवार दिन का प्रदोष शुक्र प्रदोष, शनिवार के दिन का प्रदोष शनि प्रदोष कहलाता है. हालांकि दिन के अनुसार, प्रदोष व्रत के लाभ भी अलग-अलग होते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि फरवरी का पहला प्रदोष व्रत कब है? प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त और महत्व क्या है?
फरवरी 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब है?
वैदिक पंचांग के आधार पर देखें तो इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 8 फरवरी गुरुवार को दिन में 11 बजकर 17 मिनट पर होना है. ऐसे में प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त के आधार पर फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा.
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फरवरी पहला प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
7 फरवरी को पहले प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 05 मिनट से रात 08 बजकर 41 मिनट तक है. उस दिन शिव पूजा के लिए आपको ढाई घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा. इस व्रत में प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करना जरूरी होता है.
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वज्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र में फरवरी पहला प्रदोष व्रत
फरवरी का पहला प्रदोष व्रत वज्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र में है. प्रदोष व्रत के दिन वज्र योग पूरे दिन रहेगा. 08 फरवरी को 02:53 एएम से सिद्धि योग लगेगा. वहीं पूर्वाषाढा नक्षत्र भी प्रदोष के दिन पूरे समय रहेगा. 8 फरवरी को 04:37 एएम तक पूर्वाषाढा नक्षत्र है. उस दिन का ब्रह्म् मुहूर्त 05:22 एएम से 06:14 एएम तक है.
प्रदोष व्रत के दिन करें रुद्राभिषेक
7 फरवरी को शिववास भी है. उस दिन आप व्रत रखने के साथ ही रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं. प्रदोष व्रत के दिन शिववास नन्दी पर प्रात:काल से लेकर दोपहर 02:02 पीएम तक है.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत करने और शिव पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट, पाप, रोग और दोष दूर होते हैं. भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से संतान, सुख, समृद्धि, सफलता, धन, धान्य आदि की प्राप्ति होती है.
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FIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 18:01 IST