हाइलाइट्स
फाल्गुन शुक्ल त्रयोदशी तिथि 22 मार्च को प्रात: 04 बजकर 44 मिनट से शुरु होगी.
शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 34 मिनट से है.
मार्च माह का अंतिम प्रदोष व्रत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. उस दिन शुक्रवार है, जिसकी वजह से यह शुक्र प्रदोष व्रत होगा. हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं. पहला कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है. प्रदोष व्रत रखकर शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख और दोष दूर होते हैं. महादेव की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मार्च का अंतिम प्रदोष व्रत कब है? शिव पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
मार्च 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च दिन शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 44 मिनट से शुरु होगी. इस तिथि की समाप्ति 23 मार्च शनिवार को सुबह 07 बजकर 17 मिनट पर होगी. प्रदोष के पूजा मुहूर्त के आधार पर मार्च का अंतिम प्रदोष व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा.
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मार्च के अंतिम प्रदोष व्रत 2024 का पूजा मुहूर्त
इस माह के अंतिम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको 2 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा. 22 मार्च को शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 34 मिनट से रात 08 बजकर 55 मिनट तक है. व्रती को इस समय में ही शिव जी की पूजा करनी चाहिए.
मार्च के अंतिम प्रदोष पर रवि योग
शुक्र प्रदोष की त्रयोदशी तिथि में रवि योग बन रहा है. रवि योग 23 मार्च को प्रात: 04 बजकर 28 मिनट से सुबह 06 बजकर 21 मिनट तक है.
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मार्च के अंतिम प्रदोष के अन्य मुहूर्त
इस माह के अंतिम प्रदोष वाले दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 48 मिनट से सुबह 05 बजकर 35 मिनट तक है.
प्रदोष पर करें रुद्राभिषेक
प्रदोष व्रत के दिन आप रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो 22 मार्च का दिन शुभ है. उस पूरे दिन शिववास नंदी पर है. रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती है.
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Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion
FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 18:31 IST