Home Life Style कब है रंगभरी एकादशी? होली खेलेंगे शिव और पार्वती, रंग-गुलाल में डूबेगी काशी, जानें मुहूर्त, पूजा विधि

कब है रंगभरी एकादशी? होली खेलेंगे शिव और पार्वती, रंग-गुलाल में डूबेगी काशी, जानें मुहूर्त, पूजा विधि

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कब है रंगभरी एकादशी? होली खेलेंगे शिव और पार्वती, रंग-गुलाल में डूबेगी काशी, जानें मुहूर्त, पूजा विधि

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हाइलाइट्स

रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं.
20 मार्च दिन बुधवार को 12:21 एएम से फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि प्रारंभ हो रही है.
इस साल की रंगभरी एकादशी पर रवि योग और पुष्य नक्षत्र का संयोग बना है.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रंगभरी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. जैसा कि आपको पता है कि एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है, लेकिन रंगभरी एकादशी भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी है. रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, रंगभरी एकादशी के अवसर पर भगवान विश्वनाथ की नगरी काशी में शिवजी और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है. भगवान शिव और माता गौरी नगर भ्रमण पर निकलते हैं और उस दिन उनके भक्त रंग और गुलाल से उन दोनों का स्वागत करते हैं. जानते हैं कि रंगभरी एकादशी कब है? रंगभरी एकादशी का मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व क्या है?

कब है रंगभरी एकादशी 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल 20 मार्च दिन बुधवार को 12:21 एएम से फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि प्रारंभ हो रही है. यह तिथि अगले दिन गुरुवार 21 मार्च को 02:22 एएम तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस बार रंगभरी एकादशी 20 मार्च बुधवार को है.

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रंगभरी एकादशी का महत्व
लोक आस्था के अनुसार, भगवान शिव का जब विवाह माता पार्वती से हो गया तो वे फाल्गुन शुक्ल एकादशी को देवी गौरी का गौना कराकर पहली बार अपनी नगरी काशी आए थे. उस दौरान उनके भक्तों ने शिव और शक्ति का रंग-गुलाल से स्वागत किया. तब से ही हर साल फाल्गुन शुक्ल एकादशी को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है.

काशी में भगवान शिव मां गौरी के साथ पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं. रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव और गौरी की विशेष पूजा होती है. रंगभरी एकादशी के दिन आमलकी एकादशी भी मनाते हैं. उसमें भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं.

रंगभरी एकादशी 2024 मुहूर्त
रंगभरी एकादशी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:50 एएम से 05:37 एएम तक है. उस दिन सुबह 06:25 एएम से सुबह 09:27 एएम तक शुभ समय है. उस समय में आप रंगभरी एकादशी की पूजा कर सकते हैं.

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रवि योग और पुष्य नक्षत्र में रंगभरी एकादशी
इस साल की रंगभरी एकादशी पर रवि योग और पुष्य नक्षत्र का संयोग बना है. रवि योग सुबह 06 बजकर 25 मिनट से रात 10 बजकर 38 मिनट तक है. वहीं पुष्य नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 10 बजकर 38 मिनट तक है. उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है. रंगभरी एकादशी पर अतिगण्ड योग सुबह से शाम 05:01 बजे तक है, उसके बाद से सुकर्मा योग है. रवि योग में सभी दोष दूर हो जाते हैं.

रंगभरी एकादशी की पूजा विधि
रंगभरी एकादशी के दिन सबसे पहले शिवजी और माता पार्वती का अभिषेक करें. उसके बाद फल, फूल, अक्षत्, बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल आदि शिव जी को चढ़ाएं. उसके बाद माता पार्वती को फूल, अक्षत्, हल्दी, सिंदूर, फल, मिठाई, श्रृंगार सामग्री आदि अर्पित करें. फिर माता पार्वती और शिव जी को लाल या गुलाबी गुलाल चढ़ाएं. दोनों का स्मरण करके मनो​कामना पूर्ति की प्रार्थना करें.

Tags: Dharma Aastha, Holi, Lord Shiva

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