Home National ‘कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी आएगा…’: अतीक-अशरफ की कब्र खोदने वाले को क्यों हुआ पछतावा?

‘कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी आएगा…’: अतीक-अशरफ की कब्र खोदने वाले को क्यों हुआ पछतावा?

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Oliver Fedrick/नई दिल्ली. माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसका भाई अब इस दुनिया में नहीं हैं. 16 अप्रैल को उन्हें प्रयागराज के चकिया स्थित कसारी-मसारी कब्रिस्तान में खाक-ए-सुपुर्द कर दिया गया. इन दोनों भाइयों की कब्र खोदने वाला जानू खान ने बताया कि जब अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अज़ीम उर्फ ​​अशरफ के लिए कब्र खोदने के लिए कहा गया तो उसे कब्र खोदने का पछतावा होने लगा. बीते शनिवार की देर रात को लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य द्वारा मारे गए माफिया भाइयों को प्रयागराज में कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया था. चकिया मोहल्ले के पास का कब्रिस्तान, जहां अतीक का पालन-पोषण हुआ था.

अतीक के लिए 7 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी कब्र खोदी गई
अतीक के करीबी रिश्तेदारों की उपस्थिति में लो-प्रोफाइल अंतिम संस्कार किया गया. क्योंकि उसके दो नाबालिगों सहित चार बेटे कानूनी समस्याओं के चलते कब्रिस्तान नहीं जा सके और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, जिस पर 50,000 रुपये का इनाम है, अभी भी फरार है. जानू खान, जो अपने 30 के दशक में हैं, उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब उन्हें एक कब्र खोदने वाला होने पर पछतावा हुआ. खान कहते हैं, ‘जब मुझे अतीक की कब्र खोदने के लिए कहा गया, जो 7 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी थी, तो यह एक असहज कर देने वाली बात थी. जबकि उसके भाई अशरफ की कब्र 7 फीट लंबी और 3.5 फीट चौड़ी थी.’

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मैंने नहीं सोचा था कि किसी दिन गैंगस्टर की कब्र खोदूंगाः जानू
जानू ने कहा कि लगभग 20 वर्षों के पेशे में शायद यह पहली बार है जब उन्हें अपने कब्र खोदने वाले होने पर पछतावा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह दिन आएगा जब मैं एक खूंखार गैंगस्टर की कब्र खोदूंगा, जिसने कई लोगों को मार डाला और हजारों परिवारों को नष्ट कर दिया. यह भावना अपने आप में मार रही थी. क्योंकि मैं कभी भी इस तरह के खूंखार गैंगस्टर के साथ नाम से जुड़ना नहीं चाहता था. लेकिन अपने पेशे के कारण मैं इसको टाल नहीं सका.’

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20 साल से खोद रहे हैं कब्रें
लगभग 20 साल पहले खान, जो कसारी मसारी कब्रिस्तान में काम कर रहे थे, उन्होंने अपने पिता को खोने के बाद कब्रिस्तान में कब्रिस्तान में काम करने का फैसला किया, जो उसी कब्रिस्तान में काम करते थे. खान ने कहा, “मेरे पिता हमेशा कहते थे कि ‘कब्र खोदना देखाब का काम होता है…’ (यह एक अच्छा काम है) और इस तरह के अच्छे कामों का इनाम हमेशा अल्लाह देता है.” एक कब्र खोदने वाले के रूप में अपने शुरुआती दिनों में, खान ने कहा कि उसे बताया गया था कि वह एक अच्छा कब्र खोदने वाला नहीं होगा क्योंकि उसके पैर छोटे हैं और इसलिए वह खुली कब्रों पर खड़ा नहीं हो पाएगा.

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अतीक के लिए कब्र खोदते समय, जो महसूस हुआ, वो अलग थाः जानू
उन्होंने कहा, “लेकिन मैंने उन्हें गलत साबित कर दिया. लगभग 20 साल के पेशे में मैंने लगन से काम किया. मेरा मानना ​​है कि यह मेरे पिता के शब्द थे जिन्होंने मुझे इतने सालों तक बनाए रखा.’ लेकिन रविवार को अतीक की कब्र खोदते समय उन्हें जो महसूस हुआ, वह अलग था. उन्होंने कहा, “मेरे पिता अब नहीं रहे, लेकिन यह मेरी मां थी जिन्होंने मुझे शांत किया और मुझे समझाया कि खूंखार गैंगस्टर अब कोई नहीं है, वह हमारे बीच किसी भी अन्य की तरह ही है और अगर आप नहीं करेंगे तो और कौन करेगा?”

10 घंटे में दोनों के कब्र खोदे गए
खान का कहना है कि तेज धूप वाले दिन दोनों कब्रों को खोदने में करीब 10 घंटे लग गए. खान ने कहा, “आम तौर पर इसमें कम समय लगता है, लेकिन चूंकि रमजान चल रहा था और वह उपवास कर रहे थे, इसलिए उन्हें कब्र खोदने में थोड़ा अधिक समय लगा क्योंकि वे थोड़े-थोड़े अंतराल पर आराम कर रहे थे.” माफिया भाइयों की कब्र तैयार करने वालों में खान के अलावा फौजी, सैफ, तालीम, पप्पू पलटी और जावेद सहित सात अन्य शामिल थे. अन्य कब्र खोदने वालों का भी कमोबेश यही मत था.

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