Sunday, December 22, 2024
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कभी 1 अंक से क्लियर नहीं कर पाए थे UPSC, शादी होने के एक साल बाद बने IAS अधिकारी


Upsc Success Story: यूपीएससी की परीक्षा पास करना इतना आसान नहीं होता। इसे क्लियर करने के लिए न जाने कितने जतन करने पड़ते हैं। आज आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में रैंक 14 लाकर IAS बनने का सपना पूरा किया है। हम बात कर रहे हैं अभिनव जे जैन की। आइए जानते हैं इनके बारे में और कैसे की थी यूपीएससी की तैयारी।

अभिनव जे जैन का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। स्कूली शिक्षा दिल्ली से की और फिर केमिकल इंजीनियरिंग, IIT खड़गपुर से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। जिसके बाद  IIT से सीधे प्राइवेट सेक्टर ज्वाइन किया और वहां करीब 3 साल तक काम किया। शुरुआत में, आईटीसी लिमिटेड के साथ लगभग 2 साल और फिर एक साल के लिए ओयो रूम्स के साथ किया किया था। ओयो रूम्स के साथ काम करते हुए उनका झुकाव सिविल सर्विस की ओर हुआ। वह यही से समझ गए थे कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देनी चाहिए।

अभिनव ने बताया, होटल स्टाफ को अपस्किल करने के स्किल इंडिया मिशन के तहत OYO ने सरकार के साथ कोलाब्रेशन किया था। यह एक दिन था जब होटल के स्टाफ के लिए एक सर्टिफिकेट डिस्ट्रीब्यूशन सेरेमनी आयोजित की गई थी। जिसके बाद एक हाउसकीपर, जिसकी आंखों में आंसू थे, उसने मेरी तरफ देखकर कहा, सर, आपने मेरी जिंदगी बदल दी, ये मेरे लिए ऐतिहासिक पल है। हाउसकीपर की उन बातों की वजह से मैं उस रात सो नहीं सका था। मैंने सोचा कि अगर मेरा इतना छोटा काम किसी के जीवन को प्रभावित कर सकता है, तो क्या होगा अगर मैं IAS बन जाऊंगा, तो  मैं बड़े पैमाने पर लोगों की मदद कर सकूंगा।  इसके बाद मैंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे मन से सिविल सेवाओं को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

ऐसे शुरू की थी UPSC की तैयारी

अभिनव ने सबसे पहले मुख्य परीक्षा के सिलेबस को देखकर और बुक लिस्ट तैयार की। जिसमें एनसीईआरटी, लक्ष्मीकांत (राजनीति), डीडी बसु, स्पेक्ट्रम (आधुनिक इतिहास), लेक्सिकन (नैतिकता), रमेश सिंह (अर्थव्यवस्था), जीसी लियोंग (भूगोल) आदि शामिल थी।

उन्होंने बताया, मैंने किताबें एक-एक करके पढ़नी शुरू की। मैं समझ सकता था, लेकिन याद नहीं कर पाता था। ऐसा लग रहा था जैसे बिना किसी स्ट्रक्चर के बेतरतीब ढंग से पढ़ रहा हूं। मैंने खुद से सवाल किया – “मैं क्या कर रहा हूं?” “क्या मैं सिर्फ नाम के लिए बुकलिस्ट पर टिक लगाने के लिए पढ़ रहा हूं?”

जिसके बाद मुझे अपने रिसोर्सेज को सीमित करने के महत्व का एहसास हुआ। किताबें फिर से पढ़ी गईं, महत्वपूर्ण पॉइंट्स को नोट्स के रूप में अलग-अलग लिखा दिया गया। NCERT की किताबों को अच्छे से पढ़ा।

परीक्षा के लिए कैसा होना चाहिए अनुशासन

अभिनव ने बताया, इस परीक्षा की तैयारी के लिए अनुशासन जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप सुबह 5 बजे उठना और आधी रात तक पढ़ाई करते रहें और वहीं स्टडी टेबल पर खाना खाएं।

उन्होंने कहा, यूपीएससी की तैयारी करने का मतलब यह नहीं है कि आपको रोबोट/मैकेनिकल होना चाहिए। सही अनुशासन का अर्थ है एक प्लान के साथ पढ़ाई करना और मूल बातों पर टिके रहना और उन्हें फिर से रिवाइज करना।  इसी के साथ ज़ेरॉक्स नोट्स/जिस्ट/शॉर्टकट सामग्री के लिए इधर-उधर न भागें। अपने नोट्स खुद बनाएं, ताकि परीक्षा के आखिरी समय में वह रीविजन करने में आपकी मदद कर सके।

जब 1 मार्क से चूक गए थे अभिनव

अभिनव ने अपना पहला प्रयास 2017 में दिया था। पहले प्रयास में उन्हें इंटरव्यू में शामिल होने का मौका मिला था, लेकिन परिणाम के दिन, लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं था। वह सिर्फ 5 अंकों से चूक गए थे। वहीं दूसरे प्रयास यानी साल 2018 में वह प्रीलिम्स परीक्षा के आसपास बीमार हो गए थे और उस समय प्री क्लियर नहीं कर पाए थे।

उन्होंने बताया, फिर मैंने अपना तीसरा प्रयास साल 2019 में दिया। जिसमें मैंने अपनी पूरी ताकत लगा  दी थी। साल 2019 में प्रीलिम्स क्लियर, मेन्स क्लियर, इंटरव्यू भी ठीक रहा। मैं इस बार और आत्मविश्वास से भरा हुआ था। जब परिणाम आया तो मैं हैरान रह गया, मेरा नाम उसमें नहीं था। मैं केवल 1 मार्क से फाइल लिस्ट से बाहर हो गया था।

जब हुई शादी और बदली किस्मत

अभिनव ने बताया, मेरी शादी 2020 में हुई थी, मेरे मन में सिविल सर्विस की तैयारी छोड़कर अपने जीवन में आगे बढ़ने के विचार थे। मैं घर बसाने के बारे में सोच रहा था, लेकिन मेरे माता-पिता, पत्नी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मुझे एक और प्रयास देने के लिए प्रेरित किया और समर्थन दिया। मेरे भाइयों ने मुझे मेंटली सपोर्ट किया।  

शादी के बाद ऐसे की थी यूपीएससी की तैयारी

हार को इतने करीब से चखने के बाद अभिनव कैसे भी करके इस बार यूपीएससी पास करना चाहते थे। उन्होंने बताया, मैं अपने इनपुट्स में सुधार किए बिना परिणामों में बेहतर आउटपुट की उम्मीद नहीं कर सकता था, इसलिए शादी के बाद भी मैं घर छोड़कर करोलबाग में अकेला रहा। मैं और अधिक कठिन परिश्रम करने के लिए तैयार था। आंसर राइटिंग पर अधिक ध्यान दिया। साल 2021 की परीक्षा का जब रिजल्ट आया तो खुशी का ठिकाना नहीं था। मैंने परीक्षा 14वीं रैंक के साथ पास कर ली थी और IAS बनने का सपना पूरा कर लिया था।

 



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