Sudden Heart Attack: कोरोना महामारी (Corona Period) के बाद देशभर में तेजी से बढ़ रहे युवाओं में हार्ट अटैक (Sudden Heart Attack) के मामले पर अब दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में शोध (Research) शुरू हो गया है. इसी साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के निर्देश के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को इस बारे में निर्देश जारी किया गया था. इसके बाद दिल्ली एम्स के फारेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता (Dr. Sudhir Gupta) के नेतृत्व में शोध शुरू हुआ है. हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए. जिसके बाद यह अध्ययन कराना जरुरी हो गया था. इस वीडियो में युवाओं में अचानक दिल की घड़कन रुकने से मौत के मामलों में तेजी की बात हो रही है. नाचते-गाते, खेलते-कूदते और व्यायाम करते समय भी लोगों की मौत हो रही है.
इन मौतों का पता लगाने के लिए दिल्ली एम्स में अध्ययन शुरू हो गया है. दिल्ली एम्स के फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में शोध शुरू हुआ है. डॉ सुधीर गुप्ता न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, देखिए हमलोग इस विषय पर लगातार नजर रख रहे थे. मौत के पीछे की वजहों को जानना जरूरी था. क्या वाकई में ये मौतें कोरोना की वजहों से तो नहीं हो रही है? या फिर इसे सोशल मिडिया पर पैनिक बनाया जा रहा है. हमलोगों ने 200 लोगों पर यह शोध शुरू किया है. यह शोध एम्स में ही होगा और इसके लिए हमलोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं है. कोरोना के दौरान 45 साल से कम उम्र के मरने वाले लोगों की ओटोप्सी रिपोर्ट भी शामिल किया गया है.’
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
दोस्ती की शादी में नाचते हुए एक युवक की मौत हो गई. घटना के बाद से शादी की खुशियां मातम में बदल गई.
कम उम्र के लोगों की क्यों हो रही मौत?
डॉ गुप्ता आगे कहते हैं, 45 साल के कम उम्र के मृतकों का वर्चुअल पोस्टमार्टम और पारंपरिक पोस्टमार्टम दोनों तरीके से परीक्षण किया जा रहा है. इसके लिए सीटी एंजियोग्राफी, फारेंसिक हिस्टोपैथोलाजी व फारेंसिक इम्यूनो-हिस्टोकेमिस्ट्री जैसी अत्याधुनिक जांच का भी सहारा लिया जा रहा है. 45 वर्ष से कम उम्र में मरने वाले अब तक 30 मृतकों की आटोप्सी हो चुकी है. अब तक के शोध में जो बात सामने आ रही है उसमें ज्यादातर लोगों की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट सामने आ रहा है.’
कब तक शोध पूरा होगा?
एम्स दिल्ली को इस शोध को एक साल में पूरा करना है, लेकिन इसकी प्राथमिक रिपोर्ट जल्द ही आइसीएमआर को सौंप दी जाएगी. इस शोध में एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन, न्यूरोलाजी, कार्डयोलाजी, पैथोलोजी और रेडियोलाजी विभागों के डाक्टरों की एक टीम जुटी है. यह शोध बीते मार्च में ही शुरू किया गया था. यह शोध 45 वर्ष से कम उम्र में मरने वाले लोगों पर किया जा रहा है, जो पहले स्वस्थ थे और उन्हें कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन अचानक खेलते-कूदते या नाचते गाते मौत हो गई.
एम्स दिल्ली को इस शोध को एक साल में पूरा करना है.
ये भी पढ़ें: टीबी जांच रिपोर्ट अब एक घंटे के अंदर, DU ने विकसित की यह नई तकनीक, जानें इसके फायदे
गौरतलब है कि न्यूज 18 हिंदी ने पिछले साल दिसंबर में ही एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि अचानक हो रहे हार्ट अटैक के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को निर्देश जारी किए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय दिल का दौरा पड़ने के मामलों को सर्वे करा कर सटीक वजहों को पता लगाएगी. आईसीएमआर पता लगाएगी की दिल का दौरा के कितने मामले हाल के दिनों में घटित हुए हैं. साथ ही हार्ट अटैक के समय और पीड़ितों को कोरोना के टीके लगे थे या नहीं इस बात का भी पता लगाएगी.
.
Tags: AIIMS, AIIMS Study, Cardiac Arrest, Delhi AIIMS, Heart attack
FIRST PUBLISHED : May 30, 2023, 15:37 IST