Home Tech & Gadget करोड़ों Android यूजर्स पर खतरा, स्क्रीनशॉट कर देगा कंगाल; ऐसे रहे सेफ

करोड़ों Android यूजर्स पर खतरा, स्क्रीनशॉट कर देगा कंगाल; ऐसे रहे सेफ

0
करोड़ों Android यूजर्स पर खतरा, स्क्रीनशॉट कर देगा कंगाल; ऐसे रहे सेफ

[ad_1]

करोड़ों Android यूजर्स पर इस समय बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अगर आप भी एंड्रॉयड यूजर हैं, तो यह खबर आपके लिए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने एक खतरनाक प्रकार के एंड्रॉयड मैलवेयर का पता लगाया है जो आपकी जानकारी और पैसा चुरा सकता है। अगर आप अपनी बैंक डिटेल्स का स्क्रीनशॉट लेते हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह मैलवेयर स्क्रीनशॉट से भी टेक्स्ट चुराता है। दरअसल, साइबर सिक्योरिटी फर्म ट्रेंड माइक्रो ने चेरीब्लोस और फेकट्रेड (CherryBlos and FakeTrade) नाम के मैलवेयर की ढूंढा निकाला है। इन मैवलेयर को Google Play Store पर देखा गया था। एक्सपर्ट्स ने बताया कि इन खतरनाक मैलवेयर को सोशल मीडिया और फिशिंग के माध्यम से फैलाया गया है।

ट्रेंड माइक्रो की रिपोर्ट में कहा गया है, “ट्रेंड माइक्रो की मोबाइल एप्लिकेशन रेपुटेशन सर्विस (MARS) टीम ने एंड्रॉयड यूजर्स को टारगेट करने वाले क्रिप्टोकरेंसी-माइनिंग और फाइनेंशियल मोटिवेटेड स्कैम कैंपेन में शामिल दो नई एंड्रॉयड मैलवेयर फैमिली को ढूंढा है।”

एंड्रॉयड यूजर्स सबसे आसान शिकार

यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि मैलवेयर को एंड्रॉयड पर हमला करते हुए पाया गया क्योंकि हैकर्स अक्सर एंड्रॉयड ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर का शोषण करते हैं। एंटीमैलवेयर कंपनी मैलवेयरफॉक्स ने एक ब्लॉग में कहा, आईओएस के विपरीत, “साइबर अपराधियों के लिए मलिशियस ऐप्स के जरिए एंड्रॉयड डिवाइस में घुसपैठ करना आसान है।” मलिशियस ऐप्स में ट्रोजन, एडवेयर, स्पाइवेयर, कीलॉगर्स और अन्य जैसे मैलवेयर प्रोग्राम शामिल हैं।

सावधान: हैक हो जाएगा आपका WhatsApp अकाउंट, मत करना ये गलती; पुलिस में किया अलर्ट

ऐसे काम करता है मैलवेयर

यह स्पेसिफिक मैलवेयर गुप्त रूप से डेटा इकट्ठा करने के लिए नकली ओवरले और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) तकनीक का उपयोग करता है। नकली ओवरले एक अटैक तकनीक है जिसमें एप्लिकेशन डिजाइन का हिस्सा एक नकली स्क्रीन द्वारा कवर किया जाता है जिसे यूजर सही समझ बैठते हैं।

यूजर जब ऐसी जानकारी दर्ज करते हैं, तो हैकर्स इसे चुरा लेते हैं, जैसे पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर। इसके अलावा, मैलवेयर ओसीआर (OCR) का भी उपयोग करता है, जो कई पीडीआर एडिटर्स में पाया जाने वाला एक फीचर है जो फोटो और तस्वीरों से टेक्स्ट निकालने की अनुमति देता है।

हालांकि, इस मैलवेयर के साथ, हैकर्स पीड़ितों के स्मार्टफोन पर स्टोर स्क्रीनशॉट से पासवर्ड चुराने के लिए OCR का उपयोग करते हैं। ओसीआर के मामले में, मैलवेयर सबसे पहले ऐप स्टोर से डाउनलोड किए गए मलिशियस ऐप्स के माध्यम से फैलता है। और जब कोई यूजर मलिशियस ऐप इंस्टॉल कर लेगा, तो यह पीड़ितों की स्क्रीन के डिस्प्ले के स्क्रीनशॉट लेना शुरू कर देगा। फिर ये स्क्रीनशॉट मैलवेयर के कमांड और कंट्रोल सर्वर पर भेजे जाते हैं, जहां टेक्स्ट को निकालने के लिए OCR तकनीक का उपयोग किया जाता है।

ऐसे रहें सेफ

अगर आप सेफ रहना चाहते हैं, तो नीचें बताई सिंपल टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

सबसे पहले, केवल विश्वसनीय सोर्स से ही ऐप्स डाउनलोड करें। सिर्फ इसलिए कि कोई ऐप Google Play Store पर है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह सेफ है। पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके सभी पासवर्ड स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है।

इससे मैलवेयर के लिए आपके पासवर्ड चुराना और भी मुश्किल हो जाता है। अंत में, इस बात से सावधान रहें कि आप क्या स्क्रीनशॉट लेते हैं – आपको कभी भी पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और अन्य व्यक्तिगत जानकारी का स्क्रीनशॉट नहीं लेना चाहिए।

 

(कवर फोटो क्रेडिट- techbloat)

[ad_2]

Source link