दिल्ली और पंजाब की सत्तधारी आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय दर्जे को लेकर चुनाव आयोग 11 अप्रैल को बड़ा फैसला कर सकता है। दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के संबंध में 13 अप्रैल से पहले आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। अदालत के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त के प्रतिनिधि ने कहा कि 11 अप्रैल को ही इस संबंध में फैसला ले लिया जाएगा।
AAP ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा
बता दें कि इससे पहले AAP ने पार्टी को ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा दिए जाने में “देरी” को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याचिका आप कर्नाटक इकाई के संयोजक पृथ्वी रेड्डी द्वारा कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर की गई थी। आप ने याचिका में कहा है कि वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिए जाने के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करती है, लेकिन इसके बावजूद पार्टी को दर्जा दिए जाने में देरी हुई है।
क्या हैं राष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्तें?
आप ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता की शर्त के संबंध में चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के खंड 6बी का भी हवाला दिया। दरअसल कोई दल 4 अलग अलग राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 6% मत पाया हो और लोकसभा में कम से कम 4 सीटें हासिल की हों या फिर किसी भी दल को कम से कम चार या उससे अधिक राज्यों में राज्यीय दल की मान्यता प्राप्त हो तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो जाता है। इसी तर्क के साथ आम आदमी पार्टी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। नियमों के लिहाज से AAP इनमें से आखिरी शर्त को पूरा करती है।
“चुनाव आयोग ने नहीं सुनी इसलिए आए कोर्ट”
याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग को 6 फरवरी, 2023 को रिमाइंडर दिए जाने के बाद भी आज तक उस पर विचार नहीं किया गया है। जबकि, चुनाव की वेबसाइट से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार आम आदमी पार्टी को एनसीटी-दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात राज्य में एक राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त है। इस मुद्दे को हल करने के लिए चुनाव आयोग के पास लगभग तीन महीने से अधिक का समय था। फिर भी, चुनाव आयोग ने पहले निर्णय नहीं लेने का विकल्प चुना है। याचिका में कहा गया है कि इन परिस्थितियों में, याचिकाकर्ता माननीय न्यायालय से राहत पाने के लिए विवश है।
कर्नाटक की सभी सीटों पर लड़ेगी AAP
बता दें कि कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल कर्नाटक में सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर यह चुनाव में मददगार होगा। कर्नाटक में 10 मई को वोटिंग है और 13 मई को नतीजे आएंगे। दरअसल किसी भी राष्ट्रीय पार्टी को उसके खास चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाता है। राष्ट्रीय पार्टी के चुनाव चिन्ह को पूरे देश में किसी अन्य पार्टी के द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
अन्ना आंदोलन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई AAP पार्टी को पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव में 6.8 प्रतिशत, गुजरात में 12.92 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था। दिल्ली में आप का जनाधार सबसे ज्यादा मजबूत है। पिछले आठ सालों में AAP को चार राज्यों में आपने जनाधार को बढ़ाने में सफलता मिली है। जिसके चलते उसे राज्य पार्टी का दर्जा मिला।
क्या होंगे राष्ट्रीय पार्टी के फायदे?
अगर आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है तो सभी राज्यों में उसके उम्मीदवार अपना ‘झाड़ू’ चुनाव चिन्ह इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके अलावा, मान्यता प्राप्त `राज्य और राष्ट्रीय’ दलों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक (proposer) की आवश्यकता होती है। मान्यता प्राप्त `राज्य ‘और` राष्ट्रीय’ दलों को चुनाव आयोग की तरफ से (मतदाता सूची के संशोधन की दशा में) मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं।
इन दलों को अपने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार से भूमि या भवन प्राप्त होते हैं। साथ ही राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त राज्य और राष्ट्रीय दल चुनाव प्रचार के दौरान 40 स्टार प्रचारक तक रख सकते हैं जबकि अन्य पार्टियां केवल ’20 स्टार प्रचारक’ ही रख सकती हैं। इनके स्टार प्रचारकों का यात्रा खर्च उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के चुनाव खर्च के हिसाब में नहीं जोड़ा जाता है।