Saturday, February 22, 2025
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कर्नाटक CM कौन? शिवकुमार को क्या ऑफर मिला और क्या है उनकी मांग, जानें 10 बड़ी बातें


नई दिल्‍ली. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद सीएम के नाम की घोषणा करने में काफी वक्‍त लग गया. कांग्रेस के सामने केवल दो ही नाम रहे, लेकिन इनमें से किसी एक का चुनाव करने के लिए कई घंटों की बैठक और मुलाकातों के दौर लग गए. दरअसल सवाल था कि कर्नाटक में कौन बनेगा सीएम? कर्नाटक कांग्रेस अध्‍यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्‍टी सीएम पद मंजूर नहीं था और उन्‍होंने कहा कि सीएम पद की रेस में शामिल सिद्धारमैया एक बार पांच सालों तक सीएम रह चुके हैं और उसके बाद वे नेता प्रतिपक्ष रहे हैं, अब फिर उन्‍हें सीएम पद दे दिया गया तो… अच्‍छा मैसेज नहीं जाएगा. इधर, सिद्धारमैया को पुराना अनुभव, प्रशासनिक पकड़, विधायकों में लोकप्रिय बताया जा रहा था.

सवाल है कि आखिर डीके शिवकुमार क्‍यों अड़ गए और उन्‍होंने यह क्‍यों कह दिया कि कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अगर सीएम बने तो मुझे कोई आपत्ति नहीं. अगर कांग्रेस सूत्रों और खबरों की मानें तो डीके शिवकुमार को कांग्रेस ने कई तरह से मनाने की कोशिश की है. कांग्रेस की तरफ से सीएम पद के लिए सिद्धारमैया ही पहली पसंद रहे और पार्टी उनके नाम पर सहमति बनाना चाहती थी. डीके शिवकुमार को पार्टी ने डिप्‍टी सीएम पद ऑफर किया था, लेकिन उन्‍होंने इसे लेने से इनकार कर दिया.

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि डीके शिवकुमार को डिप्‍टी सीएम बनाने का ऑफर दिया गया था, लेकिन वह नहीं माने. उन्‍होंने कहा कि मुझे डिप्टी सीएम नहीं बनना है. मैं सामान्‍य विधायक ही बना रहूंगा.

डीके शिवकुमार को डिप्‍टी सीएम के साथ 6 बड़े मंत्रालय देने की बात कही गई थी, लेकिन उन्‍होंने इस पर भी स्‍वीकृति नहीं दी.

डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी मेरी मां है और मैं न तो ब्‍लैकमेलिंग करूंगा और ना ही विश्‍वासघात. उन्‍होंने कहा कि जो हो पहले से तय होना चाहिए.

पार्टी सूत्रों की माने तो 50-50 को लेकर भी मंथन हुआ था, इसके अनुसार पहले सिद्धारमैया और फिर डीके शिवकुमार ढाई-ढाई साल के लिए सीएम बनेंगे. लेकिन डीके शिवकुमार ने कहा कि इसकी घोषणा पहले से हो और मेरा हाल छत्‍तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव जैसा न हो जाए.

पार्टी ने एक से अधिक डिप्‍टी सीएम बनाने पर भी मंथन किया था, लेकिन डीके शिवकुमार उसके लिए राजी नहीं हुए. डीके शिवकुमार का कहना है कि पार्टी को न्‍याय करना चाहिए और वो कुछ भी हो, वह पहले से स्‍पष्‍ट हो ताकि बाद में समस्‍या न आए.

डीके शिवकुमार को पार्टी में संकटमोचक माना जाता है. उन्‍होंने कर्नाटक में पार्टी संगठन को मजबूत बनाया और चुनाव में भी जीत हासिल कराने में उनकी खास भूमिका रही. अब वे अपने समर्थकों को भी योग्‍य स्‍थान दिलाना चाहते हैं.

Tags: Congress, DK Shivakumar, Karnataka Assembly Election 2023



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