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Loksabha Election Survey 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब महज लगभग एक साल का ही समय शेष है। उससे पहले इस साल राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिसे 24 के चुनाव के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम दल पूरी ताकत से मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। हाल ही में कन्याकुमारी से कश्मीर तक की राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष को एक नई उम्मीद मिली है। वहीं, बीजेपी को पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में जीत की पूरी उम्मीद है। इस बीच, सामने आए ताजा सर्वे में कांग्रेस नीत यूपीए के लिए गुड न्यूज सामने आई है। यूपीए की सीटें बढ़ रही हैं, जबकि एनडीए की सीटें कम हो रहीं।
धीरे-धीरे घट रहा एनडीए का ग्राफ
‘इंडिया टुडे’ और सी-वोटर के सर्वे के सर्वे के अनुसार, पिछले छह महीने में एनडीए की सीटें कम हुई हैं। अगस्त, 2022 में बीजेपी नीत एनडीए के खाते में 307 सीटें जाने का अनुमान था, जबकि जनवरी 2023 में इसकी संख्या घटकर 298 रह गईं। हालांकि, इसके बावजूद एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया है। वहीं, जनवरी 2022 में किए गए सर्वे के अनुसार, एनडीए को तब 296 सीटें दी गई थीं। वोट शेयर की बात करें तो जनवरी और अगस्त, 2022 में एनडीए को 41 फीसदी वोट मिलने की संभावनाएं थीं, जोकि 2023 जनवरी में बढ़कर 43 फीसदी हो गया। इस हिसाब से एनडीए को दो फीसदी वोटों का इजाफा हुआ है, जबकि सीटों कम हुई हैं।
बढ़ रहीं कांग्रेस नीत यूपीए की सीटें
सर्वे में भले ही बीजेपी के एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा हो, लेकिन पिछले एक साल में कांग्रेस के यूपीए की भी सीटें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। जनवरी 2022 में 27 फीसदी वोट यूपीए को मिल रहा था, जबकि अगस्त 2022 में एक फीसदी बढ़कर 28 फीसदी हो गया। वहीं, इस साल जनवरी 2023 में किए गए सर्वे में यूपीए के खाते में 29 फीसदी वोट जाते हुए दिख रहे हैं। सीटों की बात करें तो जनवरी 2022 में यूपीए (कांग्रेस प्लस) के खाते में 127 सीटें मिलती दिख रही थीं। इसके बाद अगस्त 2022 में यह संख्या 125 रह गई। लेकिन जनवरी 2023 में इसमें बड़ा उछाल दर्ज किया गया। यूपीए के जनवरी 2023 के सर्वे में 153 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है। इस हिसाब से पिछले छह महीने में कांग्रेस गठबंधन के लिए खुशखबरी है। भले ही सत्ता से दूर हो, लेकिन छह महीने में सीटों की संख्या 28 बढ़ गई हैं। अभी लोकसभा चुनाव में एक साल का वक्त शेष है, ऐसे में अगर पिछले छह महीने का ट्रेंड आगे भी बरकरार रहा, तो यह यूपीए के लिए राहत भरी बात हो सकती है।