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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर दिल्ली स्थित थिंक टैंक की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी हैं।
‘इंडिया टुडे’ के अनुसार, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि थिंक-टैंक को एफसीआरए नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने के कारण लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सीपीआर कार्यालय परिसर में सर्वेक्षण किया था।
दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में भी छापे मारे गए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने एनजीओ पर ऐक्शन लिया है। सीपीआर को कथित तौर पर फोर्ड फाउंडेशन सहित कई विदेशी संगठनों से पैसा मिला था। थिंक टैंक पर यह भी आरोप लगाए गए थे कि उसने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ को चंदा दिया था।
अधिकारियों ने कहा कि सीपीआर के डोनर्स में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, विश्व संसाधन संस्थान और ड्यूक विश्वविद्यालय शामिल हैं। सीपीआर एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) से भी अनुदान प्राप्त होता है, यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक मान्यता प्राप्त संस्था है।
हालांकि, गृह मंत्री ने तीस्ता के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस 2016 में ही निलंबित कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, सीपीआर ने आखिरी बार साल 2016 में एफसीआरए लाइसेंस का नवीनीकरण किया था और सरकार ने कोविड महामारी के दौरान लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए विस्तार दिया था।
सीपीआर की वेबसाइट के अनुसार, यह साल 1973 से भारत की अग्रणी सार्वजनिक नीति थिंक-टैंक में से एक है। सीपीआर एक गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान है जो अनुसंधान करने के लिए समर्पित है जो उच्च गुणवत्ता वाली छात्रवृत्ति, बेहतर नीतियों और भारत में जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में योगदान देता है।