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दुनियाभर में मशहूर आचार्य वात्स्यायन के कामसूत्रम में तो चुंबन पर पूरा का पूरा एक अध्याय ही है. इसमें चुंबन और इसे करने के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. चुंबन की स्थिति, भावना और अंगों के अनुसार इसे कई तरीकों में बांटा गया है. इसे अलग प्रकारों में सम, तिर्यक, उद्भ्रांत, शुद्ध पीड़ितक, अवलीढ़ पीड़ितक, अवपीड़ित, उत्तर चुंबितक, संपुटक, मृदु, पीड़ित, अंचित, चलितक, प्रतिबोधिक जैसे नाम दिए गए हैं. (courtesy kama sutra)
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