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Income tax raid: बेनामी संपत्तियों के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की गई है। कानपुर के बिठूर वइससे सटे इलाकों में लगभग आठ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। जब्त संपत्ति एक वकील की बताई जा रही है। जांच में पता चला कि काली कमाई खपाने के लिए ड्राइवर और नौकरों के नाम पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने चार दिन पहले सदर तहसील के सिंहपुर कछार, गगपुर चकबदा, प्रतापपुर हरी, धर्मपुर, हिन्दूपुर में लगभग 15 संपत्तियों को जब्त किया। बताया कि वकील ने अपने यहां के चार नौकरों के नाम पर करोड़ों की जमीन खरीदी थी। चारों नौकर दलित समाज से बताए गए हैं। इनके सहारे दूसरे दलितों की जमीन खरीदकर काली कमाई की जा रही थी। काली कमाई के चक्कर में एससी/एसटी कानून का भी उल्लंघन किया गया।
सरकार को लगातार दे रहे थे धोखा बताया गया कि कार्रवाई की जद में आया वकील सरकार को लंबे समय से धोखा दे रहा था। नौकरों के संयुक्त खाते में रकम भेज दी। फिर तीसरे नौकर से अपने खाते में रुपये ट्रांसफर कराए। जमीन की खरीद होने के बाद फिर से नौकर के खाते से अपने में रुपये जमा करा लिए।
मुनादी कराकर लोगों को दी जानकारी पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की मदद से आयकर अफसरों ने संपत्तियों को कुर्क किया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी देने के लिए दो दिन पहले मुनादी भी कराई। जांच में वकील समेत उसके चारों नौकर हैं।
सालभर पहले आई शिकायत के बाद कार्रवाई बेनामी संपत्ति विंग संबंधित पक्ष पर लंबे समय से नजर रख रहा था। सूत्रों के अनुसार, सालभर पहले डाक द्वारा एक शिकायत विंग के अधिकारियों के पास की गई थी। शिकायत की सत्यता की जानकारी पर विंग के अधिकारी लेनदेन व तमाम सौदों पर नजर रखे थे। इसके बाद कार्रवाई की गई।
हिन्दुस्तान ने पहले ही उठाया था मामला
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने करीब डेढ़ माह पहले नौकरों के नाम पर जमीन खरीदने के मामले को उठाया था। आयकर विभाग की स्कूटनी में दो दर्जन से अधिक मामले पकड़ में आए थे। विभाग ने नोटिस देकर जवाब भी मांगा था।
संपत्ति नीलाम कराएगा आयकर विभाग
जब्त संपत्तियों को आयकर विभाग नीलाम कराएगा। हालांकि इससे पहले लंबी कागजी प्रक्रिया भी चलेगी। बेनामी संपत्तियों के बारे में बतायावह संपत्ति जो किसी दूसरे के नाम पर खरीदी जाती हैं, लेकिन इनका भुगतान कोई और करता है।