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Vishwanath Temple: बाबा विश्वनाथ के केवल 86 भक्त वीआईपी श्रेणी में रखे गए हैं जिन्हें गर्भगृह के अंदर प्रवेश की अनुमति होगी। बाकी श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन के तहत 500 रुपये का टिकट लेकर गर्भगृह के द्वार से झांकी दर्शन मिलेगा। यह निर्णय मंदिर की कार्यपालक समिति की बैठक में लिया गया है। यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू कर दी गई है। हालांकि नए वर्ष के पहले दिन सभी वीआईपी को गर्भगृह के बाहर से झांकी दर्शन ही मिलेगा।मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद देश-विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। हर व्यक्ति किसी न किसी जुगाड़ से वीआईपी दर्शन का प्रोटोकॉल लगवा रहा है।
मंदिर कर्मचारियों के साथ सुरक्षा बलों के जवान भी प्रोटोकॉल लगवा रहे थे। वहीं, वीआईपी की लाइन लम्बी होने के कारण आम श्रद्धालुओं को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। भीड़ की वजह से कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। इसे देखते हुए मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में वीआईपी भक्तों की सूची बनी। 28 दिसम्बर को हुए निर्णय के अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र व प्रदेश सरकार के सचिव, एमपी-एमएलए व एमएलसी, आयोगों के अध्यक्ष व सदस्य, जिला व सत्र न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज, सेना, पुलिस सहित सभी सुरक्षा बलों के अधिकारी, विवि के कुलपति, सहायक आयकर आयुक्त और प्रभागीय अभियंता को वीआईपी प्रोटोकॉल में रखा गया है।
न्यास परिषद के सदस्य, केंद्र व राज्य सरकार के सभी विभागों के अध्यक्ष, सीएमओ, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर व पीठाधीश्वर आदि संत भी वीआईपी श्रेणी में हैं। मंदिर प्रशासन का कहना है कि न्यास परिषद व कार्यपालक समिति अध्यक्ष, सदस्य सचिव की सहमति से किसी भी पात्र का वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करने का अधिकार सुरक्षित है।
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