नई दिल्ली. किडनी की बीमारी से जूझ रहे एक बच्चे के लिए दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) विदेश से दवा खरीदेगा. बच्चे की मां की गुहार पर दिल्ली उच्च न्यायालय (High Court) ने खुद ही जनहित याचिका तैयार कर यह फैसला सुनाया है. देश में अपने तरह का यह अनोखा मामला है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली से कहा है कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे एक चार वर्षीय बच्चे के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन को खरीदे. बता दें कि यह बच्चा ‘हॉर्सशू किडनी’ नामक बीमारी से जूझ रहा है. इस बीमारी में बच्चे के जन्म से पहले ही गुर्दों के निचले सिरे आपस में जुड़े होते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में दो जजों की पीठ ने मंगलवार को बच्चे की स्थिति को देखते हुए यह फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने बच्चे के लिए तत्काल ही इंजेक्शन खरीदने या विदेश से आयात करने को कहा है. बच्चे का पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं. ऐसे में बच्चा कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में आता है. ईएसआईसी बच्चे के इलाज पर आने वाले खर्च का भुगतान करने को भी तैयार है. हालांकि, इलाज में जिस इंजेक्शन की जरूरत है वह भारत में नहीं मिल रही है. ऐसे में हाईकोर्ट ने एम्स को बच्चे के इलाज के लि डेक्सेल इंजेक्शन विदेश से खरीदने का आदेश दिया है.
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दिल्ली उच्च न्यायालय को एक ईमेल मिला था, जिसमें बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए गुहार लगाई गई थी. (फाइल फोटो)
AIIMS दिल्ली एक बच्चे के लिए खरीदेगा विदेश से दवा
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही दिल्ली उच्च न्यायालय को एक ईमेल मिला था, जिसमें बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए उसके एक महिला ने गुहार लगाई थी. हाईकोर्ट का यह आदेश अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को मिले एक ईमेल के आधार पर आया है. ईमेल में बच्चे की मां ने कोर्ट से शिकायत की थी कि डेक्सेल नामक इंजेक्शन देश में उपलब्ध नहीं है और एम्स की तरफ से उन्हें मुहैया नहीं कराया जा रहा है, जिससे उनके बच्चे का जीवन खतरे में पड़ गया है.
बच्चे की मां न लगाई थी गुहार
ईमेल में बच्चे की मां ने बताया था कि दिल्ली एम्स ने नंद नगरी में ईएसआई डिस्पेंसरी से इंजेक्शन लाने भेजा था. लेकिन, डिस्पेंसरी ने उन्हें यह कहते हुए एम्स वापस भेज दिया कि यह इंजेक्शन खरीदा नहीं जा सकता, क्योंकि यह देश में उपलब्ध नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी ईएसआईसी से इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था. ईएसआईसी ने अदालत को सूचित किया कि इंजेक्शन की खरीद से इनकार करने का एकमात्र कारण भारत में इसकी अनुपलब्धता थी.
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ऐसे में ईएसआईसी के वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की दो जजों की पीठ के सामने एम्स को इंजेक्शन खरीदने का निर्देश देने का आग्रह किया. ईएसआईसी के वकील ने इसकी खरीद पर आने वाली पूरी लागत की देने का भरोसा दिया, जिस पर एम्स के वकील ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. इसके बाद कोर्ट ने एम्स दिल्ली को बिना देर किए विदेश से दवा खरीदने का आदेश पारित कर दिया.
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Tags: Aiims delhi, Child, DELHI HIGH COURT, Kidney disease
FIRST PUBLISHED : April 05, 2023, 22:46 IST