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किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके लोगों ने खेला क्रिकेट, भारत में पहली बार हुआ आयोजन

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किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके लोगों ने खेला क्रिकेट, भारत में पहली बार हुआ आयोजन

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ऋषभ चौरसिया/लखनऊः जीवन हर रंग में, हर साज में एक अनूठी कहानी सुनाता है. विपरीत परिस्थितियों में भी हौसला हो तो जीने के जज्बे की कोई सीमा नहीं होती. किडनी खराब होने और प्रत्यारोपण की आवश्यकता का सामना करना जीवन में एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन कुछ लोग इस चुनौती को हराकर जीवन जीने का नया उत्साह ढूंढते हैं.

रविवार को अलीगंज स्थित एलडीए स्टेडियम में चंदन अस्पताल द्वारा आयोजित केटी (Kidney Transplant)-10 क्रिकेट टूर्नामेंट इसी जज्बे का प्रतीक था. इस टूर्नामेंट में 22 खिलाड़ी शामिल हुए थे, जिनकी किडनी हाल ही में खराब हो चुकी थी, लेकिन प्रत्यारोपण के बाद अब वे पूरी तरह से फिट हैं और क्रिकेट खेल रहे हैं.

प्रत्यारोपण के बाद भी व्यक्ति जी सकता है स्वस्थ जीवन 
आयोजक सचिव डॉ. मनमीत सिंह ने बताया कि इस टूर्नामेंट का मुख्य उद्देश्य किडनी स्वास्थ्य और प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता फैलाना है. इसके माध्यम से, वे गुर्दे की बीमारियों और उनके उपचार से जुड़े मिथकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किडनी प्रत्यारोपण के बाद भी व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है, बस जरूरत है डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने की.

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भारत में पहली बार ऐसा आयोजन
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संत पाण्डेय ने बताया कि इस मैच में खेलने वाले सभी खिलाड़ी प्रत्यारोपण के बाद अब स्वस्थ हैं. एक समय था जब इनकी सप्ताह में दो-तीन बार डायलिसिस जरूरी होती थी, लेकिन प्रत्यारोपण के बाद आज वे पूरी तरह से फिट हैं. यह दर्शाता है कि प्रत्यारोपण के बाद लोग कम दवाओं पर निर्भर होते हैं और पूरा जीवन जी सकते हैं. प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है जहां किडनी प्रत्यारोपण के बाद ठीक हुए लोगों ने क्रिकेट मैच खेला हो.

प्रत्यारोपण ने दिया नया जीवन
क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने वाले शुभम ने बताया कि 2020 में उन्हें किडनी की बीमारी हो गई थी और उसके बाद 10 महीने तक डायलिसिस करवाना पड़ा. 2021 में उनका प्रत्यारोपण हुआ और आज वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उन्हें कोई समस्या नहीं है और उनका कहना है कि प्रत्यारोपण के बाद व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी सकता है और शारीरिक गतिविधियां भी कर सकता है. यह क्रिकेट टूर्नामेंट उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. यह दर्शाता है कि प्रत्यारोपण जीवन जीने का नया उत्साह दे सकता है और व्यक्ति को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का अवसर प्रदान कर सकता है.

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