Home National किसान आंदोलन के बीच सरकार का बड़ा फैसला, गन्ना खरीद में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी

किसान आंदोलन के बीच सरकार का बड़ा फैसला, गन्ना खरीद में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी

0


ऐप पर पढ़ें

Cabinet Briefing amid farmer protest: शंभू और खनौरी सीमा पर किसान डटे हुए हैं। किसान दिल्ली जाने पर अड़े हैं और पुलिस उन्हें बैरिकेड्स लगाकर किसी तरह रोकने में जुटे हैं। इस बीच बुधवार देर रात सरकार ने मीडिया ब्रीफिंग में किसानों के हित के लिए बड़े ऐलान किए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गन्ना खरीद में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है।

इससे पहले किसानों ने बुधवार को उग्र प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की लेकिन, इसमें पुलिस से उनकी तीखी झड़प हो गई। पुलिस से हाथापाई में एक किसान की मौत हो गई, 25 अन्य घायल हो गए थे। इस झड़प में पुलिस के 12 जवान भी गंभीर रूप से घायल हुए। इसके बाद किसानों ने दो दिन के लिए दिल्ली के प्लान पर ब्रेक लगा लिया और आगे की रणनीति के लिए शुक्रवार तक का समय निर्धारित किया।

इस बीच मोदी सरकार ने कैबिनेट ब्रीफिंग में किसानों को लेकर अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा से किसानों के हित को सर्वोपरि रखा है। हर बार सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठाए।

उन्होंने कहा कि गन्ना खरीद में आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने चीनी सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी मिलों द्वारा देय गन्ने के ‘उचित और लाभकारी मूल्य’ (एफआरपी) को मंजूरी दी है। गन्ने का एफआरपी रुपये 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 

बीते दस साल में किसानों के कल्याण के लिए कई कार्य किए

अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, मोदी सरकार ने किसानों के विकास के लिए हर संभव कार्य किया है। 2014 से पहले भी किसानों के आंदोलन हुए लेकिन, मोदी सरकार के समय किसानों को अपनी मांगों के लिए ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ा। हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य सही समय पर मिले। 

मोदी सरकार में किसानों को सही समय पर सही मूल्य

अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले चीनी सीजन 2022-23 का 99.5% गन्ना बकाया और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9% किसानों को पहले ही भुगतान किया जा चुका है। यह चीनी क्षेत्र के इतिहास में सबसे कम गन्ना बकाया लंबित है। सरकार द्वारा समय पर नीतिगत हस्तक्षेप के साथ, चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई हैं और 2021-22 के बाद से सरकार द्वारा उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है। फिर भी, केंद्र सरकार ने किसानों के लिए गन्ने की ‘सुनिश्चित एफआरपी और सुनिश्चित खरीद’ सुनिश्चित की है।



Source link