Home National किसान आंदोलन से लेकर पहलवानों के प्रदर्शन तक शामिल थी नीलम, क्रांतिकारी की पहचान; कांग्रेस-INLD से क्या कनेक्शन?

किसान आंदोलन से लेकर पहलवानों के प्रदर्शन तक शामिल थी नीलम, क्रांतिकारी की पहचान; कांग्रेस-INLD से क्या कनेक्शन?

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किसान आंदोलन से लेकर पहलवानों के प्रदर्शन तक शामिल थी नीलम, क्रांतिकारी की पहचान; कांग्रेस-INLD से क्या कनेक्शन?

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Lok Sabha breach: संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने वाले गिरफ्तार लोगों में से एक, नीलम वर्मा इससे पहले भी कई आंदोलनों में शामिल रही हैं। 37 वर्षीय नीलम मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले की घसो खुर्द गांव की रहने वाली हैं और हिसार में रहकर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं। इससे पहले नीलम ने किसान आंदोलन से लेकर जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में भी भागीदारी ली थी। लंबे समय से विभिन्न आंदोलनों में शामिल होने की वजह से बांगर क्षेत्र में उनकी पहचान एक क्रांतिकारी के रूप में है। वह अपने इलाके में हर किसी के लिए एक जाना-पहचाना नाम है।

नीलम, अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान हैं। 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में वह काफी सक्रिय थीं।  तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कराने के लिए दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों का नीलम ने 26 नवंबर, 2020 और उसके बाद हरियाणा में प्रवेश करने पर उचाना कलां शहर में स्वागत किया था। नीलम के पिता कोहर सिंह उचां कला में ही हलवाई का काम करते हैं। नीलम ने एमएड और एमफिल किया हुआ है।

इसी साल जब बीजेपी सांसद और तत्कालीन भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के यौन उत्पीड़न के खिलाफ जब महिला पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर मई में विरोध-प्रदर्शन किया था, तब भी नीलम उसमें शामिल थीं। दिल्ली पुलिस ने उसे 28 मई को हिरासत में लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 2015 में सीढ़ियों से गिर जाने की वजह से वह चोटिल हो गई थी। उसे रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट पहुंची थी। इसकी वजह से वह तीन साल तक बेड पर थी। इसके बाद उसने शादी करने से इनकार कर दिया था।

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, बकौल नीलम की मां उसने मनरेगा के तहत काम करने वाले ग्रामीणों के अधिकारों के लिए काम करना शुरू कर दिया और उसने तब मनरेगा में एक घोटाले का पर्दाफाश किया था कि जो लोग इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं, वह भी बिना काम किए इसका लाभ उठा रहे थे। इसी दौरान नीलम युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गईं। उसने गांव में युवाओं के लिए लाइब्रेरी भी खोली थी। पांच महीने पहले ही नीलम हिसार के एक पीजी में शिफ्ट हुई थीं। 

नीलम की मां के मुताबिक, वह किसी भी संगठन से ताल्लुक नहीं रखती हैं। वह हर जरूरतमंद की मदद करने में आगे रहती है। इसी वजह से उसे इस साल गणतंत्र दिवस पर गांव के स्कूल ने उसे तिरंगा फहराने के लिए आमंत्रित किया था। उसके भाई के मुताबिक, नीलम गांव की लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और यौन उत्पीड़न से निपटने की ट्रेनिंग भी देती थी। इस बीच, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वह तथाकथित तौर पर नीलम का वीडियो है, जिसमें वह कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के लिए वोट मांगती नजर आ रही हैं। इस वीडियो को शेयर कर बीजेपी के कई समर्थक संसद में स्मोक अटैक को कांग्रेस की साजिश बता रहे हैं। 

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के किसान नेता नीलम का समर्थन करने उनके घर पहुंचे। किसान नेताओं ने कहा है कि अगर दिल्ली पुलिस ने नीलम को जल्द रिहा नहीं किया तो राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेता आजाद पालवा ने कहा, “उन्होंने कोई अपराध नहीं किया बल्कि एक वास्तविक मुद्दा उठाया क्योंकि मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।”

उन्होंने कहा कि उच्च योग्यता के बावजूद नौकरी नहीं मिलने से देश के युवा हताश हैं। उन्होंने कहा, “नीलम ने देश को जाति और धर्म की लड़ाई में धकेलने के बजाय वास्तविक मुद्दों पर मोदी सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। इसलिए, हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं और जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

 

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