
ऐप पर पढ़ें
महाकुम्भ 2025 में संगम तट पर जुटने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं एवं सैलानियों को बाधा रहित मोबाइल एवं इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने में झलावा स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद (ट्रिपलआईटी) के विशेषज्ञ योगदान देंगे। संबंधित विभागों को एक मजबूत संचार नेटवर्क खड़ा करने के लिए संस्थान के वैज्ञानिक वृहद अध्ययन करेंगे। इसके साथ ही संस्थान के वैज्ञानिक सुविधाओं की निगरानी करेंगे और नेटवर्क सेवाओं के स्तर का आकलन कर इसकी रिपोर्ट समय-समय पर संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे। ताकि उसकी कमियों को वक्त रहते दूर किया जा सके।
मेला प्राधिकरण ने संस्थान के इलेक्ट्रनिक्स एंड कम्युनिकेशन(ईसी) विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील यादव की टीम को टेलीकॉम इन्फ्रा, प्रासंगिकता और स्केलेबिलिटी के सुपरविजन की जिम्मेदारी दी है। टीम 2019 के कुम्भ के महत्वपूर्ण स्नान पर्वों (मौनी अमवस्या, पूर्णिमा, बसंत पंचमी, नाग पंचमी) पर जुटी भीड़ को पैमाना मान यह संचार सेवा का अध्ययन करेगी।
डॉ. सुनील यादव ने बताया कि मेला प्राधिकरण की ओर से मिले आंकड़े के अनुसार कुम्भ 2019 में मौनी अमवस्या पर सर्वाधिक पांच करोड़ से ज्यादा लोग संगम क्षेत्र आए थे। महाकुम्भ 2025 में इससे भी दस से पंद्रह प्रतिशत अधिक क्षमता वाला नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। जो श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, कल्पवासियों, साधुओं तथा सैलानियों की इंटरनेट व मोबाइल सेवा की जरूरतों पर खरा उतरें।
डॉ. सुनील ने यह भी बताया कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से इस बार महाकुम्भ में दस से पंद्रह फीसदी अधिक लोगों की भीड़ बढ़ने की संभवना है। इसी भीड़ के आधार पर नेटवर्क का जाल बिछाने की तैयारी है।
टीम में ये विशेषज्ञ हैं शामिल
डॉ. सुनील प्रोजेक्ट के कोआर्डिनेटर, डॉ. राधिका गौर, आईआईआईटीएम ग्वालियर के डॉ. महेंद्र कुमार शुक्ल, एनआईटी सिक्किम के डॉ. देवेंद्र सिंह, आईआईआईटीडीएम जबलपुर के डॉ. एमडी बंसल टीम में शामिल हैं।