Home Life Style कुछ रेस्‍त्रां अंधेरे में क्‍यों परोस रहे भोजन? क्‍या ब्‍लाइंड डाइनिंग स्‍वाद पर डालता है असर, यह कहती है रिसर्च

कुछ रेस्‍त्रां अंधेरे में क्‍यों परोस रहे भोजन? क्‍या ब्‍लाइंड डाइनिंग स्‍वाद पर डालता है असर, यह कहती है रिसर्च

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कुछ रेस्‍त्रां अंधेरे में क्‍यों परोस रहे भोजन? क्‍या ब्‍लाइंड डाइनिंग स्‍वाद पर डालता है असर, यह कहती है रिसर्च

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हाइलाइट्स

जब आप बिना देखे काम करते हैं तो उससे जुड़ी हर चीजें मेमोरी में रह जाती हैं.
अंधेरे में आप रिलैक्‍स होकर खाते हैं और लोगों के साथ को एन्‍जॉय कर पाते हैं.

Eating Food In Dark Rooms: कभी न कभी आपके दिमाग में भी यह आया होगा कि जब एक नेत्रहीन इंसान भोजन करता है तो वह अपने प्‍लेट में मिली चीजों को कितनी गहराई से एन्‍जॉय कर पाता होगा? दरअसल, इसी कॉन्‍सेप्‍ट को ध्‍यान में रखते हुए दुनियाभर में कुछ रेस्‍त्रां चलाए जा रहे हैं. यहां लोग बिल्‍कुल अंधेरे कमरे में बिना किसी रोशनी के डाइनिंग को एन्‍जॉय करने पहुंचते हैं और आंखों के अलावा अपनी हर इंद्रियों की मदद से भोजन के स्‍वाद को महसूस करने का अनुभव लेते हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में लेखक ने ऐसा ही एक अनुभव शेयर किया है. लेखक एक ऐसे रेस्‍त्रां में गया है जहां कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा और वेटर भी ब्‍लाइंड हैं. रेस्‍त्रां में केवल बर्तनों की या लोगों के आपस में बात करने की केवल आवाज ही आ रही है. लेख में लेखक ने बताया है कि उन्‍हें यह अनुभव करना था कि क्या दृष्टि के अभाव में अन्य इन्द्रियां तेज हो जाती हैं, क्या अंधेरे में हम कम खाते हैं, अंधेरे में रहने से आपके मन पर और कौन सी बातें प्रभाव डालती हैं.

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यादगार रहता है अनुभव – पीएनएएस के एक शोध के मुताबिक, जब आप बिना किसी वि‍जुअल के कोई काम करते हैं तो विजुअल के अलावा आसपास की आवाजें, वातावरण, स्‍वाद आदि अधिक गहराई से यादों में जमा होते जाते हैं. इस तरह जब आप बिना देखे किसी चीज को खाते हैं तो आपकी अन्‍य इंद्रियां भी तेजी से काम करती रहती हैं. चम्‍मच व अन्य बर्तनों की आवाज, पानी गिरने की आवाज आदि को आप गहराई से सुन पाते हैं और एहसास करने लगते हैं.

अधिक खाते हैं खाना – साइंस डायरेक्‍ट में छपी शोध में यह बताया गया है कि अगर आप अंधेरे में बिना देखे खाना खाते हैं तो आप सामान्‍य की तुलना में अधिक मात्रा में खा पाते हैं और उन चीजों को भी खाते हैं जिसे आप नॉर्मली खाना नहीं पसंद करते. अंधेरे में हमारा ध्‍यान अपनी भूख को मिटाने पर अधिक होता है, ना की चीजों को सेलेक्‍ट करने या ऑप्‍शन ढूंढ़ने पर.

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खुद से मिलती है आजादी – बीबीसी में छपे एक आर्टिकल में लेखन ने अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया कि ऐसा नहीं था कि अंधेरे में खाने से मेरे स्‍वाद, स्‍मेल या स्‍पर्श में कुछ खास अंतर अनुभव हुआ. हां, यह जरूर महसूस किया कि अदृश्‍यता खाते वक्‍त आपसे एक खास तरह दिखने या एक खास तरीके से खाने या चीजों को साफ रखने की जिम्‍मेदारी से बचा लेती है. आप रिलैक्‍स होकर बैठ सकते हैं और बात कर सकते हैं और सोच सकते हैं. दरअसल, आप खुद को औरों की तरह अंधेरे में केवल एक आवाज की तरह महसूस करते हैं और अपने शरीर से मुक्त पाते हैं.

Tags: Food, Health, Lifestyle

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