Home National कुछ लोग भारत मां की मृत्यु की कामना कर रहे, जब लोकसभा में पीएम मोदी ने बोला राहुल गांधी पर तीखा हमला

कुछ लोग भारत मां की मृत्यु की कामना कर रहे, जब लोकसभा में पीएम मोदी ने बोला राहुल गांधी पर तीखा हमला

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कुछ लोग भारत मां की मृत्यु की कामना कर रहे, जब लोकसभा में पीएम मोदी ने बोला राहुल गांधी पर तीखा हमला

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत माता पर की गई टिप्पणी पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि कुछ लोग भारत माता की मृत्यु की कामना कर रहे हैं। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का करीब सवा दो घंटे तक जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है। सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए बुधवार को राहुल गांधी ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा का उल्लेख करने के क्रम में ‘भारत माता’ का संदर्भ देते हुए टिप्पणी की थी जिसे बाद में सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया। इसी टिप्पणी का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने आज लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देने के क्रम में किया। 

उन्होंने कहा, ”मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उससे देश को ठेस पहुंची…क्या भाषा बोल रहे हैं? पता नहीं, कुछ लोग भारत मां की मृत्यु की कामना कर रहे हैं। ये लोग कभी लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, संविधान की हत्या की बात करते हैं। जो इनके मन में है, वही उनके कृत्य में सामने आ जाता है।” प्रधानमंत्री ने देश का विभाजन के लिए परोक्ष रूप से कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ”मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए गए। जब मां भारती की जंजीरों को तोड़ना था तो इन लोगों ने मां भारती की भुजाएं काट दीं। ये लोग किस मुंह से ऐसा बोलने की हिम्मत करते हैं… तुष्टीकरण की राजनीति के चलते वंदे मातरम गीत के टुकड़े कर दिए।” 

पीएम मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ”ये लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे, कहने वालों को बढ़ावा देने के लिए पहुंच जाते हैं…सिलीगुड़ी गलियारा को अलग करने का सपना देने वालों का समर्थन करते हैं।” प्रधानमंत्री ने इस दौरान विपक्ष के नये गठबंधन ‘इंडिया’ को’घमंडिया’ गठबंधन करार दिया और कहा कि इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है, सबको प्रधानमंत्री बनना है लेकिन इनकी ”नई दुकान” पर भी कुछ दिनों में ताला लग जाएगा।। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने सरकार के विरूद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ” अभी हालात ऐसे हैं, इसीलिए हाथों में हाथ। जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी।” उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि कुछ ही समय पहले विपक्षी दलों ने मिलजुलकर करीब डेढ़ दो दशक पुराने यूपीए का अंतिम संस्कार और क्रिया कर्म किया है और लोकतांत्रिक व्यवहार के अनुसार उन्हें तभी सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन देरी में उनका कुसूर नहीं है।

पीएम ने विपक्ष से कहा, ” क्योंकि आप खुद ही एक ओर संप्रग का क्रिया-कर्म कर रहे थे और दूसरी ओर जश्न भी मना रहे थे। जश्न भी खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का।” विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हिकल दिखाने के लिए इतना मजमा लगाया था लेकिन मजमा खत्म होने से पहले श्रेय लेने की सिर फुटव्वल शुरू हो गया। विपक्षी गठबंधन पर प्रहार जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ” खुद को जिंदा रखने के लिए, इन्हें (विपक्ष) एनडीए (राजग) का ही सहारा लेना पड़ा है। आदत के मुताबिक घमंड का ‘आई’ इनको छोड़ता नहीं है। इसलिए राजग में 2 घमंड के ‘आई’ पिरो दिए। पहला ‘आई’ 26 दलों का घमंड और दूसरा ‘आई’ एक परिवार का घमंड।” उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि एनडीए भी चुरा लिया और इंडिया के भी टुकड़े कर दिए। 

मोदी ने कहा, ” इन लोगों को पता है कि इनकी नई दुकान पर भी कुछ दिनों में ताला लग जाएगा। ” उन्होंने लोगों को विपक्ष की अर्थनीति के प्रति आगाह करते हुए कहा, ” ये देश में ऐसी अर्थव्यवस्था चाहते हैं, जिससे देश कमजोर हो और उसका सामर्थ्य बढ़ न पाए।” प्रधानमंत्री ने कांग्रेस एवं विपक्ष पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि सच्चाई तो ये है कि देश की जनता ने दो-दो बार, 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी, लेकिन इनको चुभन है कि गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है? उन्होंने परोक्ष तौर पर गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, ” मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसके अंदर तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं।” मोदी ने विपक्ष से कहा कि आप लोग भारत के मिजाज को पहचानने वाले लोग हैं, भेष बदलकर धोखा देने वालों की हकीकत सामने आ ही जाती है जिन्हें सिर्फ नाम का सहारा है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज करते हुए कुछ पंक्तियां उद्धृत की, ”दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर। भाग्यचंद की आज तक सोई है तकदीर।” 

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