Home World कूटनीति में भी बेइज्जती! डार को इग्नोर कर रुबियो ने क्यों की PM शहबाज से बात?

कूटनीति में भी बेइज्जती! डार को इग्नोर कर रुबियो ने क्यों की PM शहबाज से बात?

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कूटनीति में भी बेइज्जती! डार को इग्नोर कर रुबियो ने क्यों की PM शहबाज से बात?

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Mark Rubio Calls Shahbaz Sharif: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रुबियों ने पाकिस्तान में अपने समकक्ष इशाक डार से बात नहीं की. रुबियो ने सीधे पीएम शहबाज शरीफ को फोन लगा दिया. जानें क्यों?

कूटनीति में भी बेइज्जती! डार को इग्नोर कर रुबियो ने क्यों की PM शहबाज से बात?

मार्क रुबियो ने शहबाज शरीफ को फोन किया, इशाक डार से बात नहीं की. (File Photos)

हाइलाइट्स

  • अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से बात की.
  • डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार को नजरअंदाज किया गया.
  • रुबियो ने जयशंकर से बात कर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की.

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारत सैन्य तरीके से तो देगा ही, कूटनीतिक पलटवार जारी है. पूरा भारत गुस्से में है और अमेरिका समेत बाकी दुनिया सतर्क. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को करारा थप्पड़ पड़ा है और वो भी खुलेआम. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की. ये तो समझ आता है. लेकिन पाकिस्तान से बात करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सीधे फोन पर चर्चा की. जबकि डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. यह बात अब इस्लामाबाद के सत्ता गलियारों में चर्चा की वजह बन गई है कि आखिर रुबियो ने डार से बात क्यों नहीं की?

कहीं ‘डर्टी वर्क’ वाला बयान तो नहीं ले डूबा!

सवाल बड़ा है, और जवाब बेहद साफ. अमेरिका अब पाकिस्तान की हड़कंप मचाने वाली जुबानों से तंग आ चुका है. ख्वाजा आसिफ जैसे नेता खुलेआम बकवास बयान दे रहे हैं, ‘भारत में गंदा काम अमेरिका पाकिस्तान से करवा रहा है’ जैसी बेसिर-पैर की बातें. अब खुद अमेरिकी सांसद और इंडिया कॉकस के को-चेयरमैन रिच मैककॉर्मिक ने इस पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा, ‘हमसे भारत के खिलाफ गंदा काम करवाने का आरोप लगाना बेहद घिनौना है. कैसे हिम्मत हुई ये कहने की?’

ऐसे में अमेरिका ने अब तय किया है कि जब बात गंभीर हो, तो भरोसे की डोर कमजोर हाथों में नहीं दी जाएगी. इशाक डार या ख्वाजा आसिफ जैसे ‘लूज कैनन’ से बात करने का कोई मतलब नहीं बचता. इसलिए मार्को रुबियो ने सीधे पीएम शरीफ को कॉल किया ताकि संदेश भी साफ जाए और बातचीत का भरोसा भी बना रहे.

जयशंकर से क्या बात हुई?

रुबियो और जयशंकर की बातचीत में आतंकी हमले की निंदा हुई, साजिशकर्ताओं को सजा देने की बात हुई और भारत के साथ अमेरिकी एकजुटता दोहराई गई. वहीं पाकिस्तान से बातचीत में भी एक सख्त लहजा था कि जांच में सहयोग दो, आतंकियों को सजा दो और भारत से सीधी बातचीत फिर शुरू करो.

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