अक्सर हम कूलर खरीद लेते हैं, लेकिन उसमें कौन से कूलिंग पैड का इस्तेमाल किया गया है, उस बारे में ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन कूलर खरीदते वक्त यूजर्स को घार वाले कूलिंग पैड की जगह हनीकॉम्ब का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल घास वाले कूलिंग पैड के मुकाबले हनीकॉम्ब ज्यादा कूलिंग देता है। हनीकॉम्ब को खासतौर पर सेलूलोस मटीरियल का बनाया जाता है। इसमें पानी सोखने की क्षमता होती है, जिससे यह बाहर की गर्म हवा को जल्दी ठंडा करता है।
हनीकॉम्ब के फायदे
हनीकॉम्ब को 2 से 3 साल तक आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मेंटीनेंस भी कम होता है। जबकि घास वाली पैड में धूल जमने की वजह से इसे हर साल बदला जाता है। हॉनीकॉम को एयरवेव जैसी डिजाइन से होकर गुजरना होता है, जिससे हवा ठंडी हो जाती है। जबकि घास वाली पैड में असमान होल्स होते हैं, जहां से हवा अंदर आती है। जिससे गर्म हवा का फ्लो होती है।
घास के फायदे
घास पैड के भी अपने फायदे हैं। हालांकि पैसे बचाने के लिए कई बार कूलर में कम घास का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप अलग से घास खरीदकर उसका इस्तेमाल करते हैं, तो घास पैड में होल्स काफी छोटे हो जाते हैं। ऐसे एयर फ्लो होने पर वो ठंडी हो जाती है। ज्यादा घार का इस्तेमाल करके हनीकॉम्ब से ज्यादा कूलिंग कर सकते हैं।
कीमत
मार्केट में हनीकॉम्ब 700 रुपये की शुरुआती कीमत में मौजूद है। जबकि इसकी अधिकतम कीमत 1400 रुपये है। जबकि घार आपको 80 रुपये से लेकर 100 रुपये में मिल जाएगी। हालांकि घार को आप अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं।