Home Health कैंसर की नकली दवा में भरा होता है नमक का पानी ! कैसे पहचान करें मेडिसिन नकली है या असली, डॉक्टर से जान लीजिए

कैंसर की नकली दवा में भरा होता है नमक का पानी ! कैसे पहचान करें मेडिसिन नकली है या असली, डॉक्टर से जान लीजिए

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कैंसर की नकली दवा में भरा होता है नमक का पानी ! कैसे पहचान करें मेडिसिन नकली है या असली, डॉक्टर से जान लीजिए

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Fake Cancer Drugs Side Effects: आजकल बाजार में कैंसर की नकली दवाएं भी बिक रही हैं. इसी महीने दिल्ली में कैंसर की नकली दवाओं के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था. डॉक्टर्स की मानें तो ये दवाएं कैंसर के इलाज को बेअसर कर स…और पढ़ें

कैंसर की नकली दवा में भर देते हैं नमक का पानी! कैसे करें असली मेडिसिन की पहचान

कैंसर की नकली दवाएं मरीज को मौत के मुंह में धकेल सकती हैं.

Fake Cancer Drugs Effects: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जून की शुरुआत में कैंसर की नकली और अनधिकृत दवाओं का रैकेट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने दावा किया था कि कैंसर की नकली दवा को बनाने में महज 150 रुपये खर्च हो रहे थे और मरीजों को ये दवाएं 3 लाख रुपये तक बेची जा रही थीं. इसके बाद सवाल उठने लगे कि दिल्ली में कैंसर की नकली दवाएं बिक रही हैं. इसी को देखते हुए अब दिल्ली के ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने भी एक्शन शुरू कर दिया है. हाल ही में विभाग ने कैंसर की 160 दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं. ये सैंपल दिल्ली के कई प्रमुख अस्पतालों के आसपास से लिए गए हैं. सवाल उठता है कि कैंसर की नकली दवाएं अगर मरीज खाएंगे, तो इससे उन्हें कितना नुकसान हो सकता है?

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. श्याम अग्रवाल ने News18 को बताया कि कैंसर की दवाएं काफी महंगी होती हैं और इनमें से कई दवाएं विदेश से इंपोर्ट की जाती हैं. कैंसर की दवाएं शरीर में जाकर कैंसर सेल्स को खत्म करने का काम करती हैं. अगर शरीर में कैंसर की नकली दवाएं चढ़ाई जाएं, तो ये भले ही डायरेक्टली कोई डैमेज न करें, लेकिन कैंसर सेल्स पर इनका कोई असर नहीं होगा और कैंसर लगातार बढ़ता रहेगा. इस कंडीशन में मरीज का पैसा, समय और ट्रीटमेंट खराब हो जाएगा और मौत का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगा. मरीजों को दवाओं को लेकर बेहद सावधानी बरतनी चाहिए.

डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर नकली दवाओं में नमक का पानी भर दिया जाता है या इनमें विटामिन्स भर दिए जाते हैं. इनमें ऐसा कोई भी साल्ट नहीं होता है, जो कैंसर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाए. नकली दवाओं में सस्ती चीजें भरकर इनको कलर कर दिया जाता है और कई मरीज इन नकली दवाओं का शिकार हो जाते हैं. आमतौर पर नकली दवाओं में कोई खतरनाक केमिकल्स नहीं होते हैं, लेकिन कैंसर जैसे गंभीर मामलों में इन दवाओं की वजह से मरीज का समय बर्बाद हो जाता है, जिससे मौत का रिस्क बढ़ जाता है. कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण होता है और प्रॉपर ट्रीटमेंट ही लाभ पहुंचाता है.

अब सवाल है कि कैंसर की नकली दवाओं की पहचान कैसे की जाए? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं अगर नकली निकल जाएं, तो यह न सिर्फ इलाज को बेअसर करती हैं, बल्कि मरीज की जान के लिए भी खतरा बन सकती हैं. नकली दवाओं की पहचान के लिए सबसे पहले पैकेजिंग पर ध्यान दें. असली दवाओं की पैकिंग साफ, स्पष्ट और कंपनी के लोगो व बारकोड सहित होती है. अगर पैकिंग पर स्पेलिंग मिस्टेक, हल्की छपाई या बिना बैच नंबर और एक्सपायरी डेट के जानकारी दी गई है, तो वह दवा संदिग्ध हो सकती है. दवा खरीदते समय हमेशा रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर या अस्पताल की अधिकृत फार्मेसी से ही दवा लें और बिल जरूर लें. दवा के क्यूआर कोड या बार कोड से भी इसकी पहचान की जा सकती है. एक आसान तरीका यह भी है कि आप दवा खरीदने के बाद उसे डॉक्टर को दिखाएं, ताकि आप नकली दवा का शिकार न बनें.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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कैंसर की नकली दवा में भर देते हैं नमक का पानी! कैसे करें असली मेडिसिन की पहचान

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