Home Health कैंसर से महिलाओं को मौत का खतरा ज्यादा, लैंसेट की रिपोर्ट में खुलासा, जल्द करें 5 काम, बच सकेगी जान

कैंसर से महिलाओं को मौत का खतरा ज्यादा, लैंसेट की रिपोर्ट में खुलासा, जल्द करें 5 काम, बच सकेगी जान

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कैंसर से महिलाओं को मौत का खतरा ज्यादा, लैंसेट की रिपोर्ट में खुलासा, जल्द करें 5 काम, बच सकेगी जान

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हाइलाइट्स

महिलाओं में होने वाले कॉमन कैंसर ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है.
40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को साल में एक बार मैमोग्राफी करानी चाहिए.

Tips To Prevent Cancer: भारत में कैंसर से पीड़ित अधिकतर महिलाओं को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है. इसका खुलासा लैंसेट कमीशन की नई रिपोर्ट में हुआ है. इसके अनुसार भारतीय महिलाओं में कैंसर के कारण होने वाली लगभग 63% मौतों को स्क्रीनिंग और निदान के जरिए रोका जा सकता था. जबकि 37% मौतों को समय पर सही इलाज से रोका जा सकता था. देश में कैंसर देखभाल में लैंगिक असमानता (gender inequity) पर लैंसेट आयोग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. इसमें कहा गया है कि भले ही पुरुषों में कैंसर का खतरा अधिक होता है, लेकिन महिलाओं में कैंसर के मामले और मृत्यु दर ज्यादा रहती है.

नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली लगभग 69 लाख मौतें रोकी जा सकती थीं और 40.3 लाख महिलाओं का इलाज किया जा सकता था. वैश्विक स्तर पर कैंसर के नए मामलों में 48% महिलाएं होती हैं और कैंसर से होने वाली मौतों में 44% महिलाएं शामिल हैं. ऐसा तब होता है, जब महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है और उसे इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाएं जानकारी के अभाव, फाइनेंशियल पावर और प्राइमरी सर्विसेज की उपलब्धता की कमी के कारण सही समय पर और उचित इलाज नहीं करवा पाती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चाहे महिलाएं दुनिया के किसी भी हिस्से में रहती हों और समाज के किसी भी तबके से आती हों, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में जानकारी और निर्णय लेने की शक्ति की कमी होने की संभावना अधिक होती है.

इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

नई दिल्ली एम्स के ओन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कैंसर देखभाल में निश्चित रूप से जेंडर एक बड़ा फैक्टर होता है. गरीब महिलाओं को इस बारे में हेल्थकेयर को लेकर काफी कम जानकारी है. इसका असर महिलाओं पर पड़ता है. धूम्रपान और तंबाकू के संपर्क में आने वाले महिला और पुरुष दोनों को कुछ कैंसर का खतरा बराबर होता है, लेकिन महिलाओं का इलाज प्राथमिकता नहीं है. यही कारण है कि उनकी कंडीशन बदतर हो जाती है. कैंसर और इसकी रोकथाम के बारे में जानकारी के अलावा, सामाजिक बदलाव की भी जरूरत है. महिलाओं में सबसे कॉमन कैंसर ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर है. इन कैंसर को इलाज के जरिए रोका जा सकता है. हालांकि महिलाएं इन समस्याओं को लेकर पुरुष डॉक्टरों के पास जाने से झिझकती हैं या महिला डॉक्टर से प्राइवेट पार्ट की जांच करने से भी हिचकिचाती हैं, जिससे इलाज में देरी होती है.

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महिलाएं करें 5 काम, कैंसर की होगी रोकथाम

– सभी महिलाओं को हर महीने अपने ब्रेस्ट की खुद जांच करनी चाहिए और साल में एक बार डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए.

– 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए साल में एक बार मैमोग्राफी (mammography) करवानी चाहिए.

– जिन महिलाओं को सेल्फ एग्जामिनेशन के दौरान ब्रेस्ट में किसी गांठ का पता चलता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करा चाहिए.

– सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए 25 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को पैप स्मीयर परीक्षण (pap smear test) करवाना चाहिए.

– महिलाओं को मानव पैपिलोमा वायरस का पता लगाने के लिए हर 5 या 10 साल में एचपीवी परीक्षण (HPV test) करवाना चाहिए.

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Tags: Cancer, Health, Lifestyle, Trending news, Woman

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